दिवाली पर दिल्ली में पटाखों के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय पर यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट की जोरदार दलीलें
दिवाली पर पटाखो के बैन पर ही हिन्दू संघठनो का आक्रोश जारी
Namit Tyagi , twitter, @NamitTyagiSTV
दिल्ली में पटाखों पर रोक के विरोध में सुप्रसिद्व अधिवक्ता श्री ए. पी. सिंह के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस एम. आर. शाह और जस्टिस ए. एस. उप्पाना की डबल बेंच के समक्ष 728/2015 के पटाखे मामले में हस्तक्षेप पक्षकार डायरी नं. 131488/21 जय भगवान गोयल यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट की ओर से दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। यह सुनवाई कल भी जारी रहेगी।फ्रंट के वकील श्री ए. पी. सिंह ने अपनी दलीलों से दीवाली पर पटाखों पर रोक को पूरी तरह गलत बताया। प्रस्तुत दलील में कहा गया कि पटाखों से प्रदूषण फैलने की बात आधारहीन एवं तथ्यों के विपरीत है। इसके विपरीत दीवाली महामारियों से लड़ने का पर्व है।
यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जय भगवान गोयल जी ने कहा कि पटाखों में मौजूद गंधक से सल्फर डायऑक्साइड निकलती है जो मानव जीवन के लिए आवश्यक 6 तत्वों में से एक है। 100 करोड़ किलोग्राम में इसकी मात्रा मात्र एक किलोग्राम होती है। गंधक युक्त पटाखों से डेंगू तथा कई महामारियों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। देश में दीवाली के अवसर पर सफाई, पोताई, दीये जलाने और पटाखे जलाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। लेकिन 2015 में कुछ हिन्दू विरोधी तत्वों ने एक साजिश के तहत मात्र तीन बच्चों के बीमार होने का हवाला देकर दिल्ली में पटाखों पर रोक लगवा दी थी। दिल्ली की दो करोड़ की जनसंख्या में मात्र तीन बच्चोें की बीमारी से हिन्दुओं के परम्परागत त्यौहार पर रोक थोपना, हिन्दू धर्मावलम्बियों को हजम नहीं हो रहा। सच्चाई यह है कि 2015 से पटाखें बैन होने के बाद से दिल्ली वाले डेंगू जैसी विभिन्न जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं।
कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों से दीये जलाने के आह्वान का भी हवाला देते हुए श्री गोयल ने कहा कि एक साथ करोड़ों दीये जलाकर उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड से कोरोना को नियंत्रित किया गया। चीन ने भी मात्र 20 दिनों में कोरोना से बुरी तरह प्रभावित वुहान में 1350 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर सल्फर डाइऑक्साइड छोड़ कर कोरोना महामारी पर काबू पाया था। इसकी मात्रा दिल्ली के वायुमंडल में लगभग 5-10 माइक्रो किलोग्राम होती थी लेकिन इसे 25-50 माइक्रो किलोग्राम करके कोरोना से राहत पाई गई। पटाखे किसी भी महामारी को खत्म करने में वरदान साबित होते हैं। इसके साथ ही पटाखों में बैरियम नाइट्रेट नामक पदार्थ होता है जो शरीर के लिए कैल्श्यिम आदि की तरह अतिआवश्यक है। भारत सरकार जिसके पास उच्च स्तरीय वैज्ञानिक व रसायन विशेषज्ञ हैं ने भी बेरियम नाईट्रेट पर रोक नहीं लगाई।बाद में पत्रकारों के समक्ष श्री गोयल ने कहा कि गुमराह करके हिन्दू त्यौहारों पर परोक्ष आक्रमण किया जा रहा है। पाकिस्तान की जीत पर दिल्ली के कई इलाकों में पटाखे चलाए गए, ऐसे ही अंग्रेजी नववर्ष की पूर्व संध्या पर खूब पटाखे चलेंगे, क्या उससे खुशबू निकलती प्रतीत होती है? ईद के मौके पर निर्दोष जानवरों की बलि के नाम पर हत्या करके गलियों व नालियों में खून भर जाता, है वह प्रदूषण किसी को क्यों नहीं दिखाई देता? स्पष्ट है कि हिन्दू त्यौहारों को ही निशाना बनाया जाता है।
श्री गोयल ने कहा कि हिन्दू संगठन 2015 से से ही पटाखों पर रोक का विरोध करते आ रहे हैं। 2015 में भी हम नेशनल ग्रीन ट्रयूबनल (एन. जी. टी.) में गए थे। 2018 में भी सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका नम्बर 37900/218 के अंर्तगत अदालत में गए थे। श्री गोयल ने कहा कि संविधान के सभी धर्मों को अपने तीज-त्यौहार मनाने का अधिकार प्राप्त है। दीपावली पर सदियों से पटाखें चलाने की परम्परा हमारा मौलिक अधिकार है। 100 करोड़ हिन्दू किसी को भी इस अधिकार को छीनने की इजाजत नहीं देंगे। हिन्दू अपने त्यौहार एवं पर्व हिन्दुस्तान में नहीं मनाएंगे तो कहाँ मनाएंगे? दीवाली महामारी जैसी कई बीमारियों से लड़ने का पर्व है। इसे सभी को मानना व समझना होगा।