कुशीनगर: पडरौना में विशाल नीम के पेड़ के गिरने से भीषण हादसा: दो की मौत, सभासद समेत 4 गंभीर रूप से घायल, परिवारों में शोक

पडरौना (कुशीनगर)। शहर के लक्ष्मीबाई स्कूल के पास सातो बहिनिया स्थान पर मंगलवार दोपहर एक विशालकाय नीम का पेड़ अचानक गिर गया, जिससे भीषण हादसा हो गया। इस घटना में दो व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई, चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

कन्हैया कुशवाहा @KanhaiyaStv
  • Apr 5 2025 9:26PM
पडरौना (कुशीनगर)। शहर के लक्ष्मीबाई स्कूल के पास सातो बहिनिया स्थान पर मंगलवार दोपहर एक विशालकाय नीम का पेड़ अचानक गिर गया, जिससे भीषण हादसा हो गया। इस घटना में दो व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई, चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
 
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, अचानक तेज हवा चलने के बाद स्कूल के पीछे खड़ा विशाल नीम का पेड़ जड़ों सहित उखड़कर गिर गया। उस समय वहां से कई लोग गुजर रहे थे, जिनमें से पांच लोग पेड़ के नीचे दब गए। मौके पर मौजूद लोगों और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर घायलों को निकाला, लेकिन दो वयक्तियों की मौत हो चुकी थी।
 
मृतक की पहचान, घायलों का हाल
मृतक की पहचान रामकिशोर यादव (45) और सभासद कृष्णा पटेल है, जिन्हें रेफर करके गोरखपुर के ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है। अन्य घायलों में दो स्कूली बच्चे और एक महिला शामिल हैं।
 
परिवारों में कोहराम, प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया
इस घटना से पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। मृतक रामकिशोर और कृष्णा पटेल के परिवार वाले सदमे में हैं, जबकि घायल बच्चों के माता-पिता अस्पताल में उनके इलाज को लेकर चिंतित हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने पहले ही कई बार खतरनाक पेड़ों को काटने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
 
जिला प्रशासन ने इस घटना की जांच का आश्वासन दिया है और मृतक के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही, नगर निगम को शहर में खतरनाक पेड़ों की जांच करके उन्हें काटने के निर्देश दिए गए हैं।
 
 
वहीं इस घटना पर स्थानीय विधायक और विपक्षी नेताओं ने प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते खतरनाक पेड़ों को हटा दिया गया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
 
अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कब तक ऐसी लापरवाही से जनजीवन को खतरा बना रहेगा? प्रशासन की ओर से गंभीरता दिखाने की मांग तेज हो गई है।
1 Comments

मेरा ये कहना है कि आस्था से जुड़ी चीजों में जनता प्रशासन की सुनती ही कहां है?

  • Apr 5 2025 9:46:29:010PM

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