भारत के सहायक प्रयासों के तहत, भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस घड़ियाल 5 अप्रैल को यांगून, म्यांमार पहुंचा, साथ में 405 टन चावल और 442 टन राहत सामग्री लेकर। यह राहत सामग्री भारत के राजदूत, अभय ठाकुर द्वारा म्यांमार के क्षेत्रीय मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी गई।
इस मदद का उद्देश्य म्यांमार में प्राकृतिक आपदाओं और अन्य संकटों से प्रभावित लोगों की तत्काल सहायता करना है। आईएनएस घड़ियाल के जरिए भेजी गई राहत सामग्री में मुख्य रूप से खाद्य सामग्री, पानी, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य आवश्यक सामान शामिल हैं, जिनकी वहां के लोगों को तात्कालिक रूप से आवश्यकता थी।
भारतीय नौसेना ने इस आपदा राहत अभियान को एक मजबूत प्राथमिकता के रूप में लिया और भारतीय क्षेत्रीय महासागर (आईओआर) में पहला प्रतिक्रिया कर्ता होने के नाते अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। इस अभियान में अब तक भारतीय नौसेना ने 512 टन से अधिक राहत सामग्री का एकत्रीकरण किया है। भारतीय नौसेना का यह कदम उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है कि वह क्षेत्रीय सहयोग और मानवतावादी सहायता में हमेशा अग्रणी रहेंगे।
भारत और म्यांमार के बीच मित्रवत संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ, इस तरह के सहयोग से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत हर संकट की घड़ी में अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा रहता है। भारतीय नौसेना की इस तत्परता और सहायता ने म्यांमार के लोगों के लिए एक सशक्त संदेश भेजा है कि संकट के समय में सहयोग और आपसी समर्थन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।