इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहा संघर्ष अब खत्म होने की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस संदर्भ में आज इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक होगी, जिसमें युद्धविराम समझौते पर निर्णय लिया जाएगा।
संघर्ष समाप्ति की दिशा में कदम
पिछले कुछ महीनों से संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठन दोनों पक्षों पर शांति स्थापित करने का दबाव बना रहे हैं। इसी दबाव के चलते इजरायल और हिजबुल्लाह ने युद्धविराम पर सैद्धांतिक सहमति जताई है।
सीजफायर समझौता: क्या है प्रमुख बिंदु?
कैबिनेट बैठक: इजरायली कैबिनेट आज इस प्रस्तावित युद्धविराम समझौते पर मतदान करेगी।
दो महीने का प्रारंभिक समझौता: शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, समझौते में दो महीने के युद्धविराम की बात कही गई है।
सेना की वापसी: इस दौरान इजरायली सेना दक्षिणी लेबनान से हटेगी और हिजबुल्लाह अपनी सशस्त्र गतिविधियों को लिटानी नदी के दक्षिण तक सीमित करेगा।
युद्धविराम से पहले की गतिविधियां
इजरायली मीडिया के अनुसार, सीजफायर के मसौदे को सोमवार (25 नवंबर) को अंतिम रूप दिया गया। वहीं, कैबिनेट बैठक से पहले इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के कई ठिकानों को नष्ट करने की कोशिश की है।
विवाद और राजनीतिक बयान
नेतन्याहू पर सवाल: पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने प्रधानमंत्री से समझौते का विवरण सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह इजरायल के नागरिकों और सैनिकों का अधिकार है कि वे इस समझौते की जानकारी रखें।
ईरान का रुख: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने नेतन्याहू के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें युद्ध अपराधी करार दिया और मौत की सजा की मांग की है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच यह टकराव पिछले साल 7 अक्टूबर को तब तेज हुआ जब हिजबुल्लाह ने हमास और फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायली क्षेत्रों पर हमला किया। इसके बाद सीमा पर संघर्ष बढ़ता चला गया, जिसमें दोनों पक्षों ने भारी गोलीबारी और रॉकेट हमलों का सहारा लिया।
मानवीय स्थिति और क्षति
लेबनान की स्थिति: लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक 3,700 से अधिक लोग मारे गए हैं।
निरंतर हिंसा: हाल ही में हिजबुल्लाह ने इजरायल पर रॉकेट और ड्रोन हमले किए, जबकि इजरायल ने 250 से अधिक रॉकेट दागे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस संभावित युद्धविराम का स्वागत किया है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इसे शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है।
क्या युद्धविराम संभव है?
अगर कैबिनेट युद्धविराम समझौते को मंजूरी देती है, तो यह संघर्ष समाप्त होने की ओर पहला बड़ा कदम होगा। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच बनी अविश्वास की स्थिति और क्षेत्रीय तनाव के चलते इसे पूरी तरह लागू करना एक चुनौती होगी।