मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार, महराणा प्रताप के वंशज की 27 वर्षों बाद एक बार फिर से पॉलिटिक्स में एंट्री हुई है, अचानक विश्वराज सिंह का मेवाड़ में बीजेपी जॉइन करने के फ़ैसले को सभी को चौंका दिया है. लेकिन, ये सब कुछ अचानक नहीं था, इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही लिखी जा चुकी थी.
दरअसल, विश्वराज सिंह मेवाड़ को भाजपा जॉइन कराने की स्क्रिप्ट पिछले 3 महीने से दिल्ली और मुंबई में लिखनी शुरू हो चुकी थी. ज़ाहिर है कि उदयपुर पूर्व राजपरिवार का सियासत से कनेक्शन बहुत पुराना है.. विश्वराज सिंह के पिता महेन्द्र सिंह मेवाड़ भी संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.. उन्होंने तीन चुनाव लड़े थे..
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब इस फैसले पर विश्वराज सिंह मेवाड़ से पूछा गया तो उन्होंने दिलचस्प जवाब दिए..
सवाल : करीब 30 साल बाद आपका परिवार से राजनीति से जुड़ा है, ये कैसे हुआ?
विश्वराज सिंह : समय ऐसा है कि.. कोई काबिल नेतृत्व हो तो उसका साथ देना चाहिए, ना केवल मुझे बल्कि हर आम नागरिक को भी देना चाहिए.. मैं भी जुड़ा हूं.. पिछले सालों में दूसरे काम जिस वजह से जुड़ नहीं पाए.. अब समय बैठा तो खुद को जोड़ लिया गया.
सवाल : आपका क्या रोल रहेगा अब? चुनाव लड़ेंगे या पार्टी का प्रचार करेंगे?
विश्वराज सिंह: कहीं से टिकट है या नहीं, प्रचार कहां करुंगा, ये सभी भूमिका पार्टी तय करेगी. वही बता पाएंगे.
सवाल: भाजपा में एंट्री की क्या प्रोसेस रही? कहा जा रहा है कि इसमें दीया कुमारी का बड़ा रोल रहा है, क्या ये सच है?
विश्वराज सिंह : गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और राजसमंद सांसद दीया कुमारी… ये सभी लोग दिल्ली मीटिंग में मौजूद थे और इन सबका रोल रहा है.. दीया कुमारी का रोल भी है.. वे राजसमंद से सांसद हैं.. हमारी पुरानी जानकार भी है तो रोल उनका रहा है.
सवाल: आप बतौर सांसद लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहेंगे या बतौर विधायक विधानसभा का?
विश्वराज सिंह : मेरी सोच से ज़्यादा पार्टी की सोच अहम है. मैंने पार्टी जॉइन की है. अब उसके अनुसार हम चलेंगे.. ये उनके ऊपर है वे लोकसभा का कहते हैं या विधानसभा का..
सवाल: राजस्थान के वर्तमान हालात में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती क्या है आपकी नजर में?
विश्वराज सिंह: टिकट का डिस्ट्रीब्यूश बड़ी बात है, सही लोगों को टिकट मिले, जिन पर लोगों का विश्वास हो..
आपको बता दें कि विश्वराज सिंह मेवाड़ की भाजपा में एंट्री को लेकर मेवाड़ के लोकल नेताओं को दूर रखा गया.. तीन महीने पहले से ही उन्हें बीजेपी में लाने की क़वायद शुरू हो गई थी.
दरअसल, विश्वराज सिंह पिछले कई सालों से मुंबई में ही रहते हैं. उदयपुर में भी उनका परिवार समर बाग में रहता है. उन्हें बीजेपी में लाने वाले अहम भूमिका दिल्ली और राजस्थान के वरिष्ठ नेताओं की थी. इस प्लानिंग को सीक्रेट रखा गया. इसमें सबसे बड़ा रोल राजसमंद सांसद और विद्याधर नगर से भाजपा की उम्मीदवार दीया कुमारी की रही, बताया जाता है कि दीया कुमारी ने इस सिलसिले में इस सबसे पहले फोन पर बात की थी. जिसके बाद केंद्र सरकार के नेताओं और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विश्वराज सिंह से बातचीत की, इसमें राजस्थान से सीपी जोशी और संगठन के कुछ नेता भी थे. जिसके बाद दिल्ली में ही एक मीटिंग रखी गई.
जब दीया कुमारी ने कहा- इस परिवार से मेरा पारिवारिक रिश्ता
ज़ाहिर है कि जब दीया कुमारी राजसमंद से जीतकर उदयपुर आई तब उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि महेन्द्रसिंह मेवाड़ मेरे पिता के समान हैं.. इस परिवार से हमारा बहुत पुराना रिश्ता है. मैं जब राजसमंद से MP नहीं बनी थी, उससे पहले ही हमारा आना-जाना होता है. हमारा पारिवारिक नाता है. इनका जब भी जयपुर आना हुआ ये हमारे यहां पधारते हैं और मैं जब भी उदयपुर आती हूं तो यहीं आती हूं..