कांग्रेस (Congress) की सीईसी बैठक में विवाद की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने आज यानी गुरूवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस (PRESS CONFERENCE) आयोजित की. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट (sachin pilot) और वे टिकट के सभी फैसलों में सम्मिलित हैं. उन्होंने कहा कि हम सारे मतभेद भुला चुके हैं. सचिन पायलट के समर्थकों के सभी टिकट क्लियर हो रहे हैं, मैंने एक भी सीट को लेकर ऑब्जेक्शन या विवाद नहीं किया. हालांकि इसी बीच उनका एक बयान खुब वायरल हो रहा है.. ये बयान था वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल के मानेसर एपिसोड को लेकर…
दरअसल.. मुख्यमंत्री गहलोत ने “मेरे वजह से वसुंधरा राजे को सजा नहीं मिलनी चाहिए..जब राजस्थान में 2020 जुलाई में सरकार पर संकट आया तो उसके बाद मेरे मुंह से निकल गया था कि मेरी सरकार जब संकट में थी, तो वसुंधरा और कैलाश मेघवाल की राय थी कि इस तरह सरकार नहीं गिरानी चाहिए.” ज़ाहिर है कि इसी साल मई महीने में धौलपुर में एक सभा को एड्रेस करते हुए उन्होंने 2020 की मानेसर की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि जब अमित शाह विधायकों को खरीद रहे थे, उस दौरान 3 बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार को बचाने में भूमिका निभाई थी. जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल थी.
गहलोत ने राजे को लेकर कही थी ये बात
इसी दौरान गहलोत ने बीजेपी से बर्खास्त MLA शोभारानी कुशवाह को लेकर कहा “जब उसने हमारा साथ दिया तो भाजपा वालों की हवाइयां उड़ गई. कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि पैसे के बल पर सरकार को गिराने की हमारे यहां कि परंपरा नहीं है. इन लोगों ने क्या गलत कहा और शोभारानी ने वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी. ये घटना मैं जिंदगी में कभी भूल नहीं सकता.” बहरहाल, सोशल मीडिया पर गहलोत का ये बयान जमकर वायरल हो रहा है