भरोसे पर खरा उतरेगा 'भरोसे' का बजट!
आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार के इस कार्यकाल का आख़िरी बजट प्रस्तुत करने वाले हैं। अब से कुछ देर बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा पहुंचकर प्रदेशवासियों को अनेक सौगात देते नजर आएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार की शाम प्रदेश की जनता को संदेश देते हुए विश्वास दिलाया था कि यह ‘भरोसे’ का बजट होगा। उन्होंने कहा था कि यह उस भरोसे का बजट है, जिसने छत्तीसगढ़ को ‘नवा छत्तीसगढ़’ बनने का संबल दिया है। वैसे राजनीतिक पंडितों के साथ ब्यूरोक्रेसी की गलियों में खासा दख़ल रखने वाले अनुभवी लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले 4 वर्षों में प्रस्तुत कर चुके बजट में उस समय के हालात को भांपकर अपना पिटारा खोला था। साथ ही उन्होंने कई घोषणाएं भविष्य के गर्भ में इसलिए रखीं थीं कि समय आने पर दिल खोलकर जनता को उन्हें दिया जाए। ऐसे में यह बजट वही बजट है, जिसे 'भरोसे' का ब्रह्मास्त्र माना जायेगा। विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि आज प्रस्तुत होने वाले बजट में जहां अनियमित कर्मचारियों को लेकर मापदंड तय करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बड़ी घोषणा करते नजर आएंगे, किसानों से खरीदी की जाने वाली प्रमुख फसल धान का समर्थन मूल्य और ज्यादा करते नज़र आ सकते हैं, वहीं जन घोषणापत्र में अंकित बेरोजगारी भत्ता को भी मसौदे के रूप में एक दिशा देते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नजर आने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक हायर सेकेंडरी पढ़कर बेरोजगार रहने वाले युवाओं को जहां ₹1000 का बेरोजगारी भत्ता सरकार दे सकती है, वहीं ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर नाम करने के बाद भी बेरोजगार कहलाने वाले युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के रूप में 2500 की राशि सरकार देती नजर आएगी। हालांकि बेरोजगारी भत्ता लेने वाले युवाओं के लिए अनेक मापदंड निर्धारित किए जायेंगे, जिसका रिएक्शन कैसा मिलता है, ये देखना दिलचस्प होगा। हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधायकों से मिले बजट मांग को जस का तस स्वीकार कर लिया था, ताकि कोई भी विधायक न रुठे और उनसे जुड़ी जनता न रुठे। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज मंत्रियों से मिले बजट मांग के साथ ही विधायकों के बजट मांग पर मुहर लगाते हुए दिल खोलकर घोषणा करते नजर आने वाले हैं, ताकि 'भरोसा' बना रहे।
आवास'हीन' और 'विहीन', अब आगे क्या?
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना मामले को लेकर लंबे समय से प्रदेश की राजनीति गर्म है। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के दौरान ही आरंग में आवासहीन अधिवेशन का आयोजन किया था। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि यह सरकार गरीबों का आवाज छीन रही है, उन्हें बेघर कर रही है। ऐसे में आवास मामले को लेकर मंडलस्तर तक भाजपा ने इस मामले में राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया। भाजपा आने वाले दिनों में इस मामले को और राजनीतिक तौर पर भुनाना ही चाह रही थी कि इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में पीएम आवास योजना मामले को लेकर बड़ा बयान दे दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने आवास योजना के पात्र लाभार्थियों का सर्वे नहीं कराया, तो राज्य सरकार स्वयं यह सर्वेक्षण कराएगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि ‘छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के सभी पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास मुहैया कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। अगर केंद्र सरकार योजना के पात्र हितग्राहियों का सर्वे नहीं कराती है तो राज्य सरकार एक अप्रैल से 30 जून के बीच स्वयं सर्वेक्षण कराएगी।' मुख्यमंत्री के बयान से साफ़ है कि राज्य में विपक्ष की भूमिका निभाते दल के हाथ से CM ने ये बड़ा मुद्दा लिया छीन लिया है, अब देखना ये है कि रायपुर में चौपाटी जैसे विषय पर बिना निराकरण के आंदोलन ख़त्म कर चुकी भाजपा अब आवास मामले में अगला स्टेप क्या लेती है? और जनता को उनसे जुड़े विषयों पर कैसे कन्वेंस कर पाती है?
संत'राम' को बेहतर चांस
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 1 मार्च से शुरू हुआ है। विपक्ष प्रदेश के कई मुद्दों पर लगातार सत्तापक्ष पर प्रश्नों की बौछार करता नजर आ रहा है। ऐसे में विधानसभा के बजट सत्र में इस बार विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे संतराम नेताम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ज्यादा से ज्यादा अनुभव प्राप्त करने के लिए अवसर देते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है छत्तीसगढ़ में अब तक बनवारी लाल अग्रवाल, धरमजीत सिंह, नारायण चंदेल, बद्रीनाथ दीवान, मनोज सिंह मंडावी विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में विधानसभा में नजर आते रहे हैं। ऐसे में उत्कृष्ट विधायक के रूप में पुरस्कृत हो चुके संतराम नेताम पहले के सभी विधानसभा उपाध्यक्ष से कम उम्र के हैं, साथ ही युवा होने के नाते उनके उत्साह, सदस्यों को सामयिक अवसर देने समेत संसदीय कार्यों की सराहना सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य लगातार करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में संतराम नेताम अवसर से सीखते और बेहतर करते भी दिख रहे हैं।
CM के निशाने पर सेंट्रल एजेंसियां
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई जब-जब हुई। हर बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सामने आकर यह कहते नजर आए कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हाल फिलहाल में कुछ दिनों पहले जब कांग्रेस के कई नेताओं के यहां छापे मारे गए, तब भी सियासी तूल पकड़ता नज़र आया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय एजेंसियों पर जमकर हमला बोला। ऐसे में अब कांग्रेस के विधायक मामले में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने IT, ED के साथ अब IB और CRPF पर भी हमला बोला है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 'आईबी के अधिकारी हमारे नेताओं को डरा रहे हैं। नया ट्रेंड बना हुआ है, आईबी और पैरामिलिट्री फोर्स का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईबी और पैरामिलिट्री फोर्स को लेकर केंद्र सरकार को पत्र छत्तीसगढ़ सरकार लिखेगी। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर में आईबी के अधिकारी कह रहे है की भाजपा के खिलाफ पोस्ट करना बंद करो। सीएम ने कहा यह नया ट्रेंड बना हुआ है। आईबी और पैरामिलिट्री फोर्स का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' बहरहाल साफ है कि राज्य और केंद्र के बीच बढ़ता विवाद चुनावी साल में कम होता तो नज़र नहीं आने वाला है।
'आप' का क्या होगा?
रविवार को रायपुर में आम आदमी पार्टी की सभा हुई। इसमें शामिल होने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी पहुँचे। रायपुर में आम आदमी पार्टी की विशाल सभा में 'एक मौका केजरीवाल को' इस टैगलाइन को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट किया गया। मतलब साफ है मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जो काम किया है, उसे छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी ब्रांडिंग करके वोटर्स के मन में अपनी जगह बनाने की जुगत में है। इस सभा में अच्छी खासी भीड़ दिखाई दी। साथ ही इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम बिजली और पानी मुफ्त देंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'जनता ने दोनों पार्टियों को देखा, आज हम जनता से अपील करने आये हैं कि एक मौका हमे भी देखे देखो। जिस तरह से पंजाब और दिल्ली के अंदर शांत और ईमानदार सरकार दी है, वैसी ही सरकार छत्तीसगढ़ को देंगे।' वैसे यह भी सच है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन को लीड करते हुए अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी (आप) का गठन किया। सूत्र बताते हैं कि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में मुंह की खानी मिलने के बाद उस समय की टीम अब कार्य नहीं कर रही है, ऐसे में समय के साथ छत्तीसगढ़ में नए चेहरे पार्टी के लगातार जुड़ते नज़र आए हैं। सभा के दौरान केजरीवाल बार बार ये कहते नज़र आ रहे हैं कि '15 साल बीजेपी का शासन था, 7 साल कांग्रेस का शासन रहा, पार्टियों के नाम बदलते हैं, नेताओं के नाम बदलते हैं, मुख्यमंत्री के नाम बदलते हैं, बस राज्य में लोगों की जिंदगी नहीं बदलती, व्यवस्था नहीं बदलती, ऐसे में आम हमारा समर्थन कीजिए।' एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पार्टी को लेकर कहते हैं कि '2018 में भी आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ चुकी है। पिछले चुनाव में सभी की जमानत जब्त हुई थी।' ऐसे में देखना यह है कि आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में 'आप' का भला होता क्या है?
सचेत करते 'संत'
छत्तीसगढ़ में संत समाज चारों दिशाओं में स्थित चार मातृशक्ति पीठों से हिन्दू जागरण की अलख निकला हुआ है। 18 फरवरी से छत्तीसगढ़ राज्य की चार दिशाओं में स्थित चार मातृ शक्तिपीठों से इस यात्रा की शुरुआत हुई है और पूरे एक माह चलने वाली इस संत पदयात्रा का समापन 19 मार्च को रायपुर में एक विशाल हिन्दू जागरण समारोह के रूप में होगा। रायपुर के रावणभाठा मैदान में समापन सभा में कई संत सम्मिलित होते नज़र आयेंगे। वैसे पदयात्रा करते संत गांव गांव पहुंचकर जाति पाति, भाषा, पंथ एवं राजनीतिक विचारधारा की संकीर्णता को दूर रखकर साथ बैठकर भोजन करते, संवाद करते नज़र आ रहे हैं। साथ ही जनसंख्या का बढ़ता असंतुलन, धर्मांतरण, तस्करी, लव जिहाद और भूमि जिहाद जैसी विकट समस्याओं से लोगों को जागरुक करते नज़र आ रहे हैं। फिलहाल 'चैट' के IT युग में 'सचेत' करने का प्रभाव किस तरह दिख पाता है, ये भी देखना आवश्यक होगा।
कोर्ट पर कहासुनी
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट जाने के मामले को लेकर तनातनी लगातार देखी गई। सत्र के शुरुआत के दिन जब राज्यपाल का अभिभाषण चल रहा था। राज्यपाल के अभिभाषण से ठीक पहले बीजेपी के विधायकों ने सरकार की ओर से कोर्ट जाने का मसला उठाया। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने राज्यपाल की ओर देखते हुए कहा कि 'आपके ऊपर सरकार ने केस किया है।' इस दौरान भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 'राज्य सरकार कोर्ट चली गई है, राज्य सरकार को राज्यपाल के ऊपर भरोसा नहीं है।' भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि 'ये संवैधानिक संकट की स्थिति है, आपके (राज्यपाल के) निर्णय को चुनौती दी गई है।' इस दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल का अभिभाषण जारी रहा। वैसे सत्र के शुरुआत से शुरु हुई कोर्ट जाने की चर्चा फ़िलहाल शनिवार तक जारी रही।