'कांग्रेस के तो नहीं हो सकते हैं श्रीराम और श्रीकृष्ण', जानिये BJP के किस नेता ने कही ये बात

'श्रीराम को काल्पनिक बताने वाले अगर आज उन पर दावा ठोक रहे हैं, तो ऐसे पाखंड के लिए कांग्रेस पर दया ही की जा सकती है'

Yogesh Mishra
  • Aug 20 2022 12:08AM
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि श्रीराम और श्रीकृष्ण निस्संदेह सबके हैं। लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते। 




साव ने कहा कि सीएम बघेल को यह याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत में बक़ायदा हलफ़नामा देकर श्रीराम को काल्पनिक बताया था। ये वही लोग हैं जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था। जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था, ऐसे लोग अगर आज श्रीकृष्ण और श्रीराम पर दावा जताने आ रहे तो इनकी विवशता समझ कर इन पर दया ही की जा सकती है। 





प्रदेश भाजपाध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि अंत अंत तक श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को रोकने के लिए याचिका लगाने वाली कांग्रेस किस मूंह से श्रीराम-कृष्ण की बात कर रही है, यह आश्चर्य है। निस्संदेह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे आराध्य हैं, वे भारत के प्रतीक हैं। लेकिन अमर्यादित कांग्रेसियों को या समझना होगा कि उसने खुद श्रीराम को छोड़ दिया है। दुःख में सुमिरन सब करे की तर्ज पर, रामद्रोह के कारण समूचे देश से विपक्ष का दर्जा भी खो चुकी कांग्रेस आज अगर ‘हारे को हरिनाम’  की समझ श्रीराम की शरण में आना चाहती है तो पहले अपने सभी अपराधों के लिए प्रायश्चित करनी होगी। कालनेमि की तरह अगर वह केवल रणनीति के तहत श्रीराम के शरण में आ रहे हों, तो उससे कोई लाभ नहीं होने वाला है। 





प्रदेशाध्यक्ष साव ने कहा कि कांग्रेस ही तुष्टिकरण की राजनीति के कारण भारतीय संस्कृति के प्रकाश पुंज से दूर भागती रही है। यदि वे इतने ही रामकृष्ण भक्त हैं तो अपने घर में जो श्रीराम को अपशब्द कहने वाले मौजूद हैं, उनसे रिश्ते तोड़ कर दिखाने का साहस करें, तब हमारे आराध्य पर दावा करने का अधिकार होगा। तुलसी बाबा ने कहा है कि जिन्हें श्रीराम प्रिय न हो इन्हें करोड़ों दुश्मनों से अधिक घातक समझ कर उनका त्याग कर देना चाहिए चाहे पिता ही क्यों हो।

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