पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े भारी-भरकम लोन घोटाले के मुख्य आरोपी और लंबे समय से फरार चल रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम में पुलिस ने पकड़ लिया है। 65 वर्षीय चोकसी को सीबीआई की रिक्वेस्ट पर 12 अप्रैल 2025 को हिरासत में लिया गया और फिलहाल वह जेल में है।
धोखाधड़ी के बाद भागा था भारत से
बता दें कि, मेहुल चोकसी पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है। उसने कथित तौर पर पंजाब नेशनल बैंक से यह रकम फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हासिल की थी। मामला उजागर होने के तुरंत बाद वह भारत से फरार हो गया था और अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम के एंटवर्प शहर में जा बसा था। प्रीति के पास बेल्जियम की नागरिकता है और रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल के पास भी वहां का एफ रेजीडेंसी कार्ड है। बताया जा रहा है कि वह स्वास्थ्य कारणों से एंटीगुआ से बेल्जियम पहुंचा था।
वहीं, बेल्जियम पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते वक्त मुंबई की अदालत द्वारा जारी दो गिरफ्तारी वारंटों का जिक्र किया। ये वारंट 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को जारी हुए थे। हालांकि, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि चोकसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और मानवीय आधार पर अपनी रिहाई की मांग कर सकता है।
चोकसी और उसका भतीजा दोनों हैं आरोपी
इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में सिर्फ मेहुल चोकसी ही नहीं, बल्कि उसका भतीजा नीरव मोदी भी शामिल है, जो फिलहाल लंदन में छिपा हुआ है। नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी जारी है। दोनों पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा हुआ है और भारत सरकार इन्हें वापस लाने की कोशिशों में लगी हुई है।
एंटीगुआ की नागरिकता लेकर चाहता था बचना
जनवरी 2018 में जब यह घोटाला सामने भी नहीं आया था, तब ही मेहुल चोकसी और नीरव मोदी भारत से भाग निकले थे। बाद में यह मामला भारत के इतिहास के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक बन गया। चोकसी ने उस दौरान एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। वर्ष 2021 में जब वह क्यूबा जाने की कोशिश कर रहा था, तो उसे डोमिनिका में पकड़ लिया गया था। उसने आरोप लगाया था कि यह सब एक राजनीतिक साजिश है और ईडी ने अनुचित रूप से उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है।