मुंबई से सेशेल्स तक और फिर वापसी की ऐतिहासिक समुद्री यात्रा पर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की महिला अफसरों की 12 सदस्यीय टीम रवाना हो गई है। "समुद्र प्रदक्षिणा" नामक इस रोमांचकारी अभियान को आज यानी 7 अप्रैल 2025 को लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. रमेश, कमांडेंट, कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME) ने मुंबई के कोलाबा स्थित इंडियन नेवल वॉटरमैनशिप ट्रेनिंग सेंटर से हरी झंडी दिखाई। इस मिशन के तहत 55 दिनों में करीब 4000 नॉटिकल मील का सफर तय किया जाएगा।
"नारी शक्ति की लहर: समुद्र की लहरों से टकराएंगी वीरांगनाएं"
इस साहसिक मिशन में तीनों सेनाओं की महिलाएं शामिल हैं — भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की 12 जांबाज अफसरों ने दो साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद खुद को इस चुनौती के लिए तैयार किया है। 41 इच्छुक प्रतिभागियों में से चुनी गई इन वीरांगनाओं ने समुद्री तूफानों, याच की तकनीकी समस्याओं और थकावट भरे हालातों का डटकर सामना किया है। इन अफसरों ने कई छोटे-बड़े प्रशिक्षण अभियानों के जरिए खुद को इस बड़े मिशन के लिए तैयार किया है।
"2026 के महा अभियानों की तैयारी का मजबूत कदम"
"समुद्र प्रदक्षिणा" केवल एक समुद्री अभियान नहीं, बल्कि 2026 में प्रस्तावित बड़े स्तर के वैश्विक परिक्रमा अभियान के लिए तैयारी का चरण भी है। यह मिशन नारी शक्ति के अदम्य साहस का प्रतीक है और भारतीय सेनाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का शानदार उदाहरण भी।
"भारत की वीरांगनाओं को सलाम: रानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गावती से प्रेरणा"
इस मिशन के माध्यम से भारत की ऐतिहासिक वीरांगनाओं — रानी वेलु नचियार, रानी दुर्गावती और रानी लक्ष्मी बाई — को भी सम्मानित किया जा रहा है, जिनके अदम्य साहस ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है। यह अभियान दिखाता है कि आज की महिलाएं किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटतीं, चाहे वो धरती हो या समंदर की लहरें।
"30 मई को होगा विजय का जश्न"
55 दिनों की रोमांचकारी यात्रा के बाद, 30 मई 2025 को मुंबई में इस अभियान का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। यह मिशन देश को एक बार फिर याद दिलाएगा कि नारी शक्ति हर तूफान को पार कर सकती है और हर चुनौती को जीत सकती है।