देश की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयासों के तहत, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), गाजियाबाद के साथ 2,906 करोड़ रुपये की लागत से लो-लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार (LLTR) (अश्विनी) की आपूर्ति के लिए एक पूंजी अधिग्रहण समझौता किया है। यह रडार पूरी तरह से स्वदेशी रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार विकास प्रतिष्ठान, DRDO द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। यह करार 12 मार्च, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में किया गया।
LLTR (अश्विनी) रडार की विशेषताएं
LLTR (अश्विनी) एक सक्रिय रूप से इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन की गई फेज्ड एरे रडार है, जो अत्याधुनिक ठोस राज्य प्रौद्योगिकी पर आधारित है। यह रडार उच्च गति वाले लड़ाकू विमानों से लेकर धीमी गति से चलने वाले लक्ष्यों जैसे कि बिना पायलट विमान (UAVs) और हेलीकॉप्टरों को ट्रैक करने में सक्षम है। इसकी अधिग्रहण से भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
यह कार्यक्रम रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता को कम करेगा और देश में रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को प्रेरित करेगा। यह रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में कार्य करेगा।