Sambhal Violence: संभल हिंसा में एक और बड़ा खुलासा... घटना से पहले CCTV कैमरों की रेकी, उपद्रवियों ने पत्थरों-डंडों से तोड़ा
जामा मस्जिद हिंसा में बढ़ी जांच की गति, सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज से खुलासा।
हिंसा की जांच में एक नया पहलू सामने आया है। जानकारी के अनुसार, उपद्रवियों ने हिंसा से पहले जामा मस्जिद के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की रेकी की थी। उनका उद्देश्य कैमरों को निशाना बनाकर हिंसा के दौरान किसी भी तरह की पहचान को नष्ट करना था।
सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज से खुलासा
पुलिस द्वारा प्राप्त ड्रोन फुटेज और सीसीटीवी कैमरों में दिखाया गया कि कुछ युवक कैमरे की ओर इशारा करते हैं और फिर उसे तोड़ देते हैं। कुछ लोग ईंटों से तो कैमरे को तोड़ते हुए दिखाई दिए, वहीं एक व्यक्ति डंडे से दूसरा कैमरा तोड़ता है। हालांकि, जिन कुछ कैमरों और ड्रोन की वीडियोग्राफी बच गई, उन्होंने उपद्रवियों के चेहरे को स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड किया, जो अब पुलिस के लिए अहम साक्ष्य बन गए हैं।
पुलिस ने जारी किए वीडियो फुटेज
पुलिस और प्रशासन ने हिंसा के दौरान के सीसीटीवी और ड्रोन वीडियो फुटेज को सार्वजनिक किया है। जामा मस्जिद के सामने स्थित मोहल्ला कोट गर्वी की गली में हुए पथराव की एक वीडियो सामने आई है। इस 47 सेकंड की वीडियो में उपद्रवी पत्थर और ईंटें फेंकते हुए दिख रहे हैं। अधिकांश उपद्रवी अपने चेहरों को नकाब से ढके हुए थे, जिससे पहचान में कठिनाई हो रही थी।
पुलिस ने जनता से अपील की
पुलिस ने इन वीडियो फुटेज के माध्यम से जनता से अपील की है कि वे हमलावरों की पहचान करने में मदद करें। यह सूचना गुप्त रखी जाएगी और अपलिवधियां करने वालों को चिन्हित करने का प्रयास जारी रहेगा। पुलिस ने अब तक 3,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जो इन फुटेज के आधार पर बनाई गई है।
जामा मस्जिद के पास जमा भीड़ पर पुलिस का काबू नहीं
एक अन्य वीडियो में जामा मस्जिद के पास मोहल्ला कोट गर्वी के तिराहे पर जमा भीड़ का दृश्य देखा गया। वीडियो में यह दिखाया गया कि कुछ ही मिनटों में यह भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई, जिससे पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में करने में कठिनाई हुई।
पुलिस अब इन फुटेज का इस्तेमाल करके कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है और यह देखना होगा कि आने वाले समय में कितने लोग इन मामलों में गिरफ्तार किए जाते हैं।