पीएमएवाई-यू 2.0 के लिए एमओए पर हस्ताक्षर, सस्ते आवास विकास में मील का पत्थर

यह हस्ताक्षर समारोह मंत्री की उपस्थिति में आयोजित हुआ, जो विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास योजनाओं में से एक के कार्यान्वयन चरण की शुरुआत को चिह्नित करता है।

Rajat Mishra
  • Nov 18 2024 9:07PM

इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ

 
उत्तर प्रदेश सरकार ने "सबके लिए आवास" के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के क्रियान्वयन के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए। 
 
यह हस्ताक्षर समारोह मंत्री की उपस्थिति में आयोजित हुआ, जो विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास योजनाओं में से एक के कार्यान्वयन चरण की शुरुआत को चिह्नित करता है। कुलदीप नारायण, संयुक्त सचिव एवं मिशन निदेशक, हाउसिंग फॉर ऑल, ने योजना का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए पीएमएवाई-यू की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और पीएमएवाई-यू 2.0 के लिए रोडमैप प्रस्तुत किया। पीएमएवाई-यू के तहत अब तक लगभग 90 लाख मकान बनाए जा चुके हैं, और अब योजना का उद्देश्य 1 करोड़ पक्के मकानों को शहरी भारत तक पहुंचाना है, जिससे लाखों लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
 
समावेशी दृष्टिकोण: झुग्गीवासियों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यकों, विधवाओं और दिव्यांगजन सहित विविध समूहों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान।
चार प्रमुख वर्टिकल्स: लाभार्थी-नेतृत्व निर्माण (BLC), साझेदारी में किफायती आवास (AHP), किफायती किराए का आवास (ARH), और ब्याज सब्सिडी योजना (ISS)।
तकनीकी उन्नति: ग्रीन और सतत निर्माण तकनीकों को अपनाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार उप-मिशन (TISM) की स्थापना।
आसान प्रक्रिया: एकीकृत वेब पोर्टल का शुभारंभ, जिससे लाभार्थी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं, अपनी स्थिति ट्रैक कर सकते हैं और सब्सिडी तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
 
पीएमएवाई-यू 2.0 का कार्यान्वयन सहकारी संघवाद पर आधारित है, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। 25 से अधिक राज्यों/यूटी के अधिकारियों ने चार समानांतर ब्रेकआउट सत्रों में भाग लिया और चर्चा की।
 
उत्तर प्रदेश का शहरी विकास विभाग पीएमएवाई-यू 2.0 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजना माननीय प्रधानमंत्री की उस दृष्टि के अनुरूप है, जिसमें शहरी निवासियों को सम्मान, सुरक्षा और बेहतर अवसर प्रदान करने वाले गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराना शामिल है। विशेष रूप से सफाईकर्मियों, पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहचान किए गए स्ट्रीट वेंडरों, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कारीगरों और अन्य हाशिए पर रहने वाले समूहों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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