RDSS योजना के अंतर्गत विकास व लाइन हानियों में कमी लाकर देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना यूपी

ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण एवं गोष्ठी में चर्चा के दौरान प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में किये गये कार्यों में निम्नलिखित तथ्य स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आए।

Rajat Mishra
  • Nov 12 2024 10:00PM

इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ

 
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए0के0 शर्मा ने मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में प्रतिभाग किया। यह सम्मेलन केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में नई दिल्ली के इण्डिया इण्टरनेशनल कन्वेंशन एण्ड एक्स्पो सेन्टर, यशोभूमि, द्वारका में आयोजित किया गया, जिसमें राज्यों की ऊर्जा जरूरतों, अवस्थापना संरचनाओं के विकास तथा देश में ऊर्जा क्षेत्र के सम्भावित विकास की रणनीतियों व सुझावों पर चर्चा हुई।
 
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण एवं गोष्ठी में चर्चा के दौरान प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में किये गये कार्यों में निम्नलिखित तथ्य स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आए। इसमें-भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही आरडीएसएस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश पिछले दो वर्षों में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने 62 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 47 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल की है जो कि देश में सर्वाधिक है।
 
इसी प्रकार से अवस्थापना संरचनाओं के विकास में और लाइन हानियों में कमी लाने के प्रयासों में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। जिसको लक्ष्य के सापेक्ष आगामी मार्च 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इस वर्ष की अत्यधिक गर्मी के मौसम में उत्तर प्रदेश में सभी श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को लगातार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की गयी है। प्रदेश में 13 जून 2024 को 30,618 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई, जो कि देश में सर्वाधिक थी। इसी प्रकार 17 जून, 2024 को उत्तर प्रदेश में 659.59 मिलियन यूनिट ऊर्जा की मांग को पूरा किया गया, जो कि देश में सर्वाधिक थी।
 
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विगत 02 वर्षों की अवधि में सर्वाधिक बिजली की सप्लाई करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में एटी एंड सी हानियों में कमी लाकर उसे लगभग आधा कर दिया गया है। इस हानि को वर्ष 2021-22 में 31 प्रतिशत से घटाकर वर्ष 2023 में 22 प्रतिशत पर लाया गया और वर्तमान वर्ष 2024 में इसे और कम करके 16.50 प्रतिशत पर ला दिया गया है। इस उपलब्धि को एक उल्लेखनीय उपलब्धि माना गया है।
 
प्रदेश में वर्ष 2034 तक की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों हेतु योजना तैयार कर ली गई है। प्रदेश की बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकताओं को थर्मल, हाइड्रो, सोलर एवं पीएसपी परियोजनाओं को मिलाकर पूरा करने की योजना है। वर्तमान में निर्माणाधीन अनेक नई थर्मल पॉवर परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर उत्तर प्रदेश में बिजली का सर्वाधिक उत्पादन होने लगेगा। इन परियोजनाओं में ओबरा-डी, अनपरा एवं मेजा में आने वाली परियोजनाएं सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र की सहायता से भी प्रदेश में बड़ी बिजली परियोजनाएं स्थापित करने की योजना पर कार्य हो रहा है। 
 
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति हासिल की है जिनमें प्रदेश में सोलर पार्कों की स्थापना तथा सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाना प्रमुख है। घरों की छतों पर लगने वाले रूफटॉप सोलर पैनल और जैव ऊर्जा पर आधारित बिजली के उत्पादन से प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। सीबीजी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है और रूफटॉप सोलर लगाने में तीन अग्रणीं राज्यों में है। 
 
बैठक में उत्तर प्रदेश द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा हुई। इसमें इस कार्य के लिए नई कंपनी बनाने एवं प्राइवेट गाड़ियों के साथ नगर निगमों और परिवहन निगम की बसों में भी यह सुविधा देने की व्यवस्था भी शामिल है।
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