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Gopashtami 2024: गोपाष्टमी पर जानें श्रीकृष्ण द्वारा गौमाता की पूजा की परंपरा... गौ-सेवा से कैसे दूर होती हैं ग्रह दोष और आर्थिक समस्याएं?

गोपाष्टमी के मौके पर कैसे करें गौ माता की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और विधि।

Ravi Rohan
  • Nov 9 2024 7:48AM
हर साल गोपाष्टमी का त्योहार मथुरा समेत पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गायों को चराना शुरू किया था, जिससे यह तिथि गोपाष्टमी पर्व के रूप में मनाई जाती है।
 
श्रीमद्भागवत के अनुसार, श्रीकृष्ण गायों के प्रति विशेष स्नेह रखते थे और उनके साथ खेलते थे। इस साल गोपाष्टमी का पर्व 9 नवंबर को मनाया जाएगा, क्योंकि पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 8 नवंबर रात 11:56 बजे से शुरू होकर 9 नवंबर रात 10:45 बजे तक रहेगी।
 
पूजा का शुभ समय
 
सुबह पूजा: 8:01 AM - 9:22 AM
 
दोपहर पूजा: 12:05 PM - 4:09 PM
 
गोपाष्टमी पर गौ-पूजन का महत्व
 
गोपाष्टमी पर गायों की पूजा करने से समाज में उनके प्रति आदर और श्रद्धा का भाव उत्पन्न होता है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। इस दिन पूजा करने से नवग्रह दोष समाप्त होते हैं और आर्थिक समृद्धि मिलती है।
 
गोपाष्टमी पूजन विधि
 
गोपाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करें और भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद गाय और बछड़े को स्नान कराएं और उन्हें घुंघरू पहनाएं। गाय के सींगों को रंग कर उन पर चुनरी बांधें। फिर गाय को भोजन कराएं और उनकी परिक्रमा करें। शाम के समय पुनः गाय की पूजा करें और उन्हें गुड़ व हरा चारा खिलाएं।
 
गोपाष्टमी की पौराणिक कथा
 
पौराणिक कथा के अनुसार, बालक श्रीकृष्ण ने अपनी माता यशोदा से गायों की सेवा करने की इच्छा व्यक्त की। शांडिल्य ऋषि द्वारा शुभ मुहूर्त निकालने पर कृष्ण को गाय चराने की अनुमति मिली और यह शुभ दिन गोपाष्टमी के रूप में मनाया गया। इस दिन श्रीकृष्ण ने गायों की पूजा की और उन्हें प्रणाम किया।
 
गोपाष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना
 
गोपाष्टमी के दिन गौशालाओं और गाय पालकों के यहाँ विशेष पूजा की जाती है। दीप, गुड़, केला, लड्डू, फूल माला, और गंगाजल से गायों की पूजा होती है। महिलाएँ पहले श्रीकृष्ण की पूजा करती हैं और फिर गायों को तिलक लगाती हैं। गायों को हरा चारा व गुड़ खिलाया जाता है और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। इस दिन को श्रीकृष्ण का प्रिय दिन माना जाता है क्योंकि इसमें सभी देवताओं का वास होता है। कई स्थानों पर प्रभात फेरी और सत्संग का आयोजन भी होता है।
 
गोपाष्टमी के उपाय
 
1. गाय को चारा खिलाना: इस दिन गाय या बछड़े को हरा चारा खिलाने से दांपत्य जीवन में सुख आता है और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
 
2. गाय की परिक्रमा करना: गोपाष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण और गाय माता की परिक्रमा करने से भाग्योदय होता है और जीवन में शांति मिलती है।
 
3. गाय के चरणों की धूल लगाना: गाय के चरणों की धूल को माथे पर लगाने और सूर्यास्त के बाद गाय की पूजा से जीवन में सफलता मिलती है।
 
4. ग्वालों को तिलक लगाना: इस दिन ग्वालों को तिलक लगाना और उन्हें दान देने से संतान सुख और जीवन में शांति मिलती है।
 
5. गाय की प्रतिमा रखना: घर में गोपाष्टमी के दिन गाय की प्रतिमा रखने से अन्न और धन की कमी नहीं होती है और आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
 
इस तरह, गोपाष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और गाय माता के प्रति प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है।
 

 

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