हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं करवा माता की पूजा करती हैं और अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत सुख और सौभाग्य लाता है, साथ ही पतियों की लंबी उम्र का आशीर्वाद भी देता है। इस दिन कुछ गलतियों से व्रत का फल प्रभावित हो सकता है, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या करें और क्या न करें।
करवा चौथ पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर को शाम 6:16 बजे से शुरू होगी और 20 अक्टूबर को दोपहर 3:46 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ समय शाम 5:47 से 7:04 बजे के बीच रहेगा, जबकि व्रत का समय सुबह 6:34 से शाम 7:22 बजे तक होगा।
करवा चौथ पर करने योग्य क्रियाएँ
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, और पूजा के साथ व्रत का संकल्प लें। सुहागिनों को सोलह श्रृंगार करना चाहिए और रात को चंद्रमा का दर्शन करके व्रत का पारण करना चाहिए। श्रद्धा अनुसार दान करना भी शुभ है।
करवा चौथ पर न करने योग्य क्रियाएँ
इस दिन देर तक सोना, अपशब्द बोलना, श्रृंगार की चीजें साझा करना, काले वस्त्र पहनना, झूठ बोलना, और पति-पत्नी के बीच झगड़ा करना नहीं चाहिए। व्रत के बाद तामसिक भोजन से भी बचना चाहिए।