इनपुट- रजत के. मिश्र, लखनऊ, twitter- rajatkmishra1
उत्तर प्रदेश को देश का जीरो पावर्टी वाला राज्य बनाने की दिशा में जुटी योगी सरकार प्रदेश के सभी वंचित एवं गरीब तबके को तेजी के साथ सरकारी सुविधाओं से जोड़ रही है। इसमें घुमंतू समुदाय भी शामिल है, जो उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में घूम-घूमकर जीवन यापन करते हैं। इसी क्रम में सरकार ने लखनऊ के कलंदरखेड़ा में झुग्गी बनाकर निवास करने वाले घुमंतू समुदाय के परिवारों को जल्द ही बिजली, पानी, आवास आदि मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का फैसला किया है।
सरकार के इस कदम से घुमंतू समुदाय को प्रधानमंत्री आवास, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। सरकार की इस मुहिम के तहत, प्रदेश के गरीब एवं वंचित तबके को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी मिलकर उन्हें सभी आवश्यक प्रमाणपत्र उपलब्ध करवा रहे हैं। सरकार के निर्णय से घुमंतू समुदाय के नागरिक काफी खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि सभी सरकारी सुविधाएं प्राप्त होने से उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
कैंप लगाकर दिया जा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ-
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने अधिकारियों के साथ कलंदरखेड़ा बस्ती का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय नागरिकों को आश्वस्त किया कि सरकार सभी को प्रधानमंत्री आवास का लाभ जल्द प्रदान करेगी, ताकि सभी परिवार बेहतर जीवन यापन कर सकें। साथ ही प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए जीरो पावर्टी के लक्ष्य को प्राप्त कर सके। असीम अरुण ने कुछ दिनों पहले इस बस्ती का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को कैंप लगाकर यहां रहने वाले परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिए जाने का निर्देश दिया था। इस अवसर पर कलंदरखेडा में देश के कई राज्यों से आए घुमंतू जाति के नागरिकों ने मंत्री असीम अरुण से मुलाकात भी की थी और समुदाय की बेहतरी के लिए घुमंतू आयोग बनाने की मांग की थी। इस मौके पर असीम अरुण ने बताया कि यहां समाज कल्याण सहित दूसरे कई विभाग के अधिकारी कैंप लगाकर पिछले कई दिनों से सर्वेक्षण का कार्य कर रहे हैं। सर्वेक्षण के दौरान वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए नागरिकों को चिन्हित किया जा रहा है।
मुख्य धारा से जोड़ रही योगी सरकार-
दो सप्ताह पूर्व निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिकों ने असीम अरुण को बताया था कि यहां 200 परिवार करीब 90 वर्षों से झोपड़ी बनाकर निवास कर रहे हैं। इन परिवारों के पास न तो पीने का साफ पानी उपलब्ध है और न ही बिजली। नगर निगम नागरिकों को टैंकर से साफ पेयजल उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही, बिजली की पहुंच के लिए भी कार्यवाही की जा रही है। मालूम हो कि रेनके आयोग (2008) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 1,500 घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू जनजातियां और 198 विमुक्त जनजातियां हैं, जिनमें तकरीबन 15 करोड़ लोग शामिल हैं। देश के कई हिस्सों में ये जनजातियां अब भी सामाजिक एवं आर्थिक रूप से चुनौतियों का सामना कर रही हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से ही ऐसे समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। इन समुदायों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के साथ ही सरकार ने नागरिक सुविधाओं से जोड़ने का भी काम किया है।
सीएम योगी के 'जीरो पॉवर्टी स्टेट' के संकल्प की पूर्ति के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें वन फैमिली वन आईडी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, जिसके माध्यम से हर गरीब और वंचित को सरकारी योजना का शत प्रतिशत लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य एक वर्ष में 15 से 25 लाख निर्धनतम परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाकर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह गरीबी से मुक्त राज्य बनाना है। उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से विपन्न जीवन जीने को विवश 6 करोड़ जनता को एक दशक में बहुआयामी गरीबी से बाहर लाकर सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया गया है।