महारष्ट्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। आपको बता दें कि यहां छत्रपति महाराज के द्वारा बनाये गए एक किले में अवैध मदरसे का निर्माण किया गया है। जिसे प्रशासन द्वारा जांच करने पर ध्वस्त कर दिया गया है। आपको बता दें कि प्रशासन की इस कार्यवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। बता दें कि जब इस अवैध मदरसे को गिराया गया उस वक्त वहां किसी को भी उसके आसपास जाने की इजाजत नहीं दी गई।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पावनगड़ में स्थित एक किले में अवैध मदरसे को प्रशासन की कार्यवाई करते हुए गिरा दिया गया है। आपको बता दें कि ये किला छत्रपति शिवाजी महाराज ने वर्ष 1673 में बनाया था, यहाँ अब काफी बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। इस मदरसे को 1979 में मुस्लिम आबादी के सहारे इस्मा सैयद ने बनवाया था। वर्तमान में यहाँ बिहार और पश्चिम बंगाल के 45 बच्चे दीनी तालीम ले रहे थे। इन्हें शिरोली में स्थित एक मदरसे में 5 जनवरी की शाम को भेज दिया गया।
हिन्दू संगठनों ने की थी शिकायत
हिन्दू संगठनों ने भी इस मामले में प्रशासन से शिकायत की थी, जिसके बाद यह मदरसा गिराया गया। मदरसे को चुपचाप 5-6 जनवरी 2024 को गिरा दिया गया। मदरसा गिराने की कार्रवाई रात 2 बजे चालू हुई और सुबह 9 बजे तक चलती रही। इस अवैध कब्जे को खाली करवाने के लिए कोल्हापुर के एसपी समेत अन्य बड़े अधिकारी पावनगड़ किले में एक दिन पहले से ही रुके हुए थे। यह इलाका राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है।
मदरसे में पढ़ते थे 45 बच्चे
बताया जा रहा है कि इस अवैध मदरसे में बिहार और पश्चिम बंगाल के 45 बच्चे पढ़ते थे। जिन्हे दिनी तालीम दी जाती थी। आपको बता दें कि जब इस अवैध मदरसे को गिराया गया तब इन बच्चों को शिरोली में स्थित एक मदरसे में 5 जनवरी की शाम को भेज दिया गया था।
बजरंगदल ने मदरसे के खिलाफ लिखा था पत्र
आपको बता दें कि इस अवैध मदरसे जिसका नाम ‘मदरसा जामिया अरबिया जीनतुल कुरान’ बताया जा रहा है इसके खिलाफ हिन्दू संगठन के लोगों ने शिकायत भी कारी थी। आपको बता दें कि इस अवैध मदरसे को यहाँ सरकारी जमीन पर बनाया गया था और इसमें पढ़ने वाले सभी छात्र दिल्ली, बंगाल और बिहार जैसे राज्यों से आते हैं।
आपको बता दें कि बजरंग दल ने भी इस मामले में आवाज उठाई थी। उसने अपने पत्र में लिखा था, “पावनगढ़ के ऐतिहासिक किले पर बना मदरसा अवैध है और यहाँ पढ़ने वाले छात्र महाराष्ट्र के नहीं हैं। इस तरह के अवैध अतिक्रमण से किले का ऐतिहासिक महत्व प्रभावित हो रहा है। किले पर मुस्लिमों ने भी घर बना लिए हैं। हम अवैध कब्जे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग करते हैं और किले की पवित्रता बनाए रखने के लिए इस कब्जे को हटाने की भी माँग करते हैं।”