गुरु मछिंद्रना मंदिर को बताया हाजी मलंग की दरगाह... हिन्दू संगठन ने जताया विरोध , सीएम शिंदे ने कहा "मैं इसे मुक्त कराऊँगा "
महाराष्ट्र के ठाणे जिला में स्थित हाजी अब्दुल रहमान उर्फ़ मलंग शाह की दरगाह को लेकर विवाद छिड़ गया है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिला में स्थित हाजी अब्दुल रहमान उर्फ़ मलंग शाह की दरगाह को लेकर विवाद छिड़ गया है। आपको बात दें कि इस विवाद में हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्ष के अपने-अपने अलग तर्क सामने आ रहे है। जानकारी के अनुसार हिन्दू संगठनों का दावा है कि इस दरगाह के नीचे हिन्दू मंदिर हैं। बता दें कि हिन्दू संगठनों ने इस दरगाह के ऊपर जांच की मांग की है।
क्या है मामला
मामला महाराष्ट्र का है जहां ठाणे की माथेरान पहाड़ियों पर स्थित एक दुर्ग (किला) जिसका नाम मलंगगढ़ है , में हाजी अब्दुल रहमान उर्फ़ मलंग शाह की दरगाह है। बता दें कि इस दरगाह को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। गौरतलब है कि ये झगड़ा हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के बिच है जहाँ हिन्दू पक्ष हिंदू पक्ष का कहना है कि ये मुस्लिमों की दरगाह नहीं, बल्कि गुरु गोरखनाथ के गुरु और नवनाथों में से एक गुरु मछिंद्रनाथ का मंदिर है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि नाथ परम्परा को समर्पित यह हिंदू मंदिर इस दरगाह के नीचे स्थित है।
तो , वहीँ दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहीं पर हाजी मलंग शाह नाम की यह दरगाह स्थित है। जो कि 13 वीं शताब्दी में यमन से भारत आए सूफी फकीर अब्द उल रहमान या अब्दुल रहमान की है।
कब से चल रहा है ये विवाद
आपको बता दें कि इस दरगाह पर विवाद सदियों से चला आ रहा है। जिसमें 18वीं शताब्दी में यहाँ मराठाओं ने इस धार्मिक स्थल का प्रबन्धन करने के लिए काशीनाथ पन्त केतकर को भेजा था। तब से आज तक काशीनाथ पंत केतकर नाम के ब्राह्मण का परिवार ही इस दरगाह का प्रबंधन देखता है। गौरतलब है कि हिन्दुओं के दरगाह के संचालन करने से मुस्लिमों को अप्पति हुई और जिसपर उन्होंने कहा की इस दरगाह का प्रबंधन कोई हिन्दू नहीं कर सकता है। हालाँकि, बाद में इसका निर्णय एक लॉटरी के जरिए किया गया, जिसमें निर्णय केतकर के पक्ष में गया। इसके बाद इस दरगाह पर 1980 के दशक में दोबारा विवाद हुआ।
बता दें कि इस दरगाह पर उर्फ़ 'हाजी मलंग' के नाम से प्रसिद्ध पहाड़ी पर 1980 के दशक में शिवसेना ने भी बाबा मछिंदरनाथ की समाधि होने का दावा करते हुए माघ पूर्णिमा के दिन मलंगगड यात्रा की शुरुआत की थी। बताय जा रहा है कि इस जगहे हिंदुओँ के साथ-साथ यहाँ मलंग शाह के अनुयायी भी पहुँचते हैं। कई बार हिन्दू श्रद्धालुओं के साथ यहाँ बदसलूकी और पूजा में व्यवधान डालने की कोशिश भी की गई है। बता दें कि मार्च 2021 में ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जब आरती कर रहे हिन्दू श्रद्धालुओं के सामने 50-60 मुस्लिमों ने ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाए थे। इसके अलावा भी समय-समय पर यहाँ इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दिया हिन्दू पक्ष का साथ
बता दें कि ये मामला प्रकाश में आते है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिन्दू भक्तों से कहा है, “मलंगगढ़ को लेकर आपकी भावनाओं को मैं समझता हूँ। आनंद दीघे ने इस मंदिर को मुक्त करवाने को लेकर अभियान शुरू किया था। उन्होंने हमें ‘जय मलंग, श्री मलंग’ के नारे लगवाये थे। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कुछ मामले ऐसे होते हैं, जो जनता में बात करने के लिए नहीं होते। मैं मलंगगढ़ के विषय में आपकी भावनाएँ जानता हूँ और कहना चाहता हूँ कि एकनाथ शिंदे आपकी इच्छाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।”