आज हरियाणा वासियों के लिए खास दिन है, क्योंकि आज के दिन यानि 1
नवंबर 1966 को हरियाणा
एक अलग राज्य घोषित हुआ था और तब से
लेकर आज तक हरियाणा
वासी बड़े ही धूमधाम से इस दिन को मनाते आ रहे है।
यह
ऐतिहासिक दिन दिलाता है याद
अगर इतिहास के
पन्नों में देखा जाए तो हरियाणा
12 वीं शताब्दी से पहले भौगालिक के रूप में नहीं जाना जाता था। लेकिन राज्य
पौराणिक भरत वंश का घर था, जिसने देश को भारत नाम दिया है। महाभारत के समय में कुरुक्षेत्र, कौरवों और पांडवों के बीच महाकाव्य
युद्ध का हरियाणा में हुआ था।
सन,
1 नवंबर 1966 यह ऐतिहासिक दिन याद दिलाता है, जब हरियाणा आधिकारिक तौर पर पंजाब से
एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अलग हो गया और एक अलग राज्य बन गया।
हरियाणा
एक प्राचीन नाम
हरियाणा
एक प्राचीन नाम है जिसका अभिप्राय देवता से है। “हरि” अर्थात भगवान “याणा” अर्थात अवतरित होना। इससे स्पष्ट है कि
धन्य है ये भूमि जहां पर भगवान का निवास है। जो वर्तमान समय में संत रामपाल जी
भगवान हैं जिनको यहां की निवासी अज्ञानतावश समझ नहीं पा रहे।
हर
साल की तरह इस साल भी हरियाणा दिवस के अवसर पर विभिन्न रोमांचक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें साइकिल रैलियां और चंडीगढ़ से पंचकुला
शहर तक रैली-सह-दौड़ शामिल है। साइकिल चालकों और उत्साही लोगों सहित प्रतिभागी बड़े
उत्साह से इस दिन को ओर भी खास मानाते है।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने दी बधाई
हरियाणा
के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह सोशल
मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, हरियाणा के अपने सभी परिवारजनों को राज्य के स्थापना
दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। इस प्रदेश ने हमेशा ही कृषि और रक्षा जैसे बड़े
क्षेत्रों में देश को महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहां के युवा इनोवेशन की दुनिया
में भी अपना परचम लहरा रहे हैं। मेरी कामना है कि विकास के हर मानदंड पर यह राज्य
नए-नए कीर्तिमान गढ़ता रहे।
सही
मायने में अखंड भारत का सपना अब हुआ साकार
वहीं,
इस खास मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा में 'हरियाणा एक, हरियाणवी एक की भावना के तहत पिछले नौ साल में
लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ-साथ सद्भाव, समान विकास और भाईचारा देखा गया है।
इसके लिए विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करना जरूरी है। सीएम खट्टर का
इशारा नूंह में हुई हिंसा की ओर था। 31 जुलाई को नूंह में एक धार्मिक यात्रा के
दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।