पत्रकार का पकड़ा गया कालर,खाया मार फिर पत्रकार पर ही दर्ज कर दिया गया एफआईआर
गाजीपुर। पत्रकार ने साजिश के तहत एफआईआर दर्ज करने का गंभीर आरोप लगाया है। जिसको लेकर पत्रकारों में रोष है।
एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा तमाम पत्रकारों की सुरक्षा के बात को लेकर दिशा निर्देश तो दिया जाता है लेकिन पत्रकारों को आए दिन खबर कवरेज करने को लेकर उत्पीड़न किया जाता है।
एक ऐसा ही मामला जिले के भुड़़कुड़ा कोतवाली क्षेत्र का है जहां एक दैनिक अखबार के स्थानीय पत्रकार सुरेश चंद्र पांडेय ने आरोप लगाया है मुझे साजिश के तहत फर्जी मुकदमा कराकर फंसा दिया गया है।
सुरेश ने बताया कि बीते एक अक्टूबर को कोतवाली क्षेत्र के सदरजहांपुर स्थित कंपोजिट विद्यालय में स्वच्छता अभियान का कवरेज करने गया था।
उन्होने बताया कि वहां खबर कवरेज करके सड़क पर आया और ज्यों बाईक पर बैठना चाहा तभी वहां सहायक अध्यापक और अनुदेशक ने गमछा से गला कसते हुए टांग कर विद्यालय के अंदर ले जाने लगे और ले जाकर मार पीट किये। देखते ही प्रधानाध्यापक और ग्रामीणों ने पत्रकार का किसी तरह जान बचाया। इसके बाद पत्रकार ने तहरीर संबंधित चौकी पर दिया।
उसके बाद भुड़कुडा़ कोतवाली में भी दो के खिलाफ नामजद तहरीर दिया।
पत्रकार का आरोप है कि पूरे षड्यंत्र के तहत अध्यापक भी मेरे खिलाफ तहरीर दिया। सही मामला जानने के लिए सिद्ध पीठ भुड़कुडा़ में कसम खाने की बात आई तो मैं मठ के अंदर चला गया लेकिन अध्यापक अनुदेशक ने बाहर रह गए और कुछ लोगों को बुलाकर समझौता करने का दबाव डालने लगे। जरा आप भी सोचिए अगर अध्यापक सही होते तो तुरंत मठ का कसम खा लेते।
जखनियां बाजार में हर चट्टी चौराहा पर चर्चा हो रही है कि इतने सीधे साधे पत्रकार को फंसा दिया गया।
बरहाल पत्रकार के ऊपर सरकारी काम में बांधा डालना,पैसा मांगना समेत कई आरोपों में एफआईआर दर्ज कर दिया गया लेकिन आश्चर्यजनक बात तो यह है कि रविवार के दिन कौन सा सरकारी काम हो रहा था।
इसको लेकर बहुत जल्द पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल एसपी ओमवीर सिंह से मिलकर न्याय की गुहार लगायेगे। अगर न्याय नहीं मिला तो पत्रकार धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।