भारत - पाकिस्तान के बीच 2 सितंबर को एशिया कप खेला जाना है . जहां एक तरफ देश में कुछ ही दिनों पहले आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया. वहीं लोगों में हिंदुस्थान और पाकिस्तान के बीच होने जा रहे है आगामी मैच को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. भारत-पाकिस्तान के बीच सितंबर में प्रस्तावित क्रिकेट सीरीज का विरोध होना शुरू हो गया है. भारत-पाकिस्तान के बीच 2 सितंबर को एशिया कप खेला जाना है. जब से हिंदुस्थान-पाकिस्तान के मैच की घोषणा हुई है टि्वटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों का प्रतिक्रिया सामने आने लगी हैं. साथ ही कई हिंदूवादी संगठन और लोगों में होने वाले इस मैच के लिए गुस्सा और नाराजगी साफ देखी जा रही है. देश का एक बड़ा तबका हिंदुस्थान पाकिस्तान के बीच होने जा रहे मैच के पक्ष में नहीं है.
आपको बता दे की साल 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच लम्बे समय से तक कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जाती थी . उस समय काफी कोशिशें हुई लेकिन बीसीसीआई का रूख स्पष्ट था कि आतंकवाद और क्रिकेट साथ-साथ नहीं संभव है. भारत के पूर्व क्रिकेटर और दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर इस मामले पर खुल कर बोलते आ रहे हैं. 2021 में भी गंभीर ने भारत और पाकिस्तान के बीच खेली जाने वाली सीरीज को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. गंभीर ने कहा था सैनिक के जीवन से ज्यादा क्रिकेट महत्वपूर्ण नहीं है. एक इंटरव्यू में गंभीर ने कहा था, 'मैंने देश के लिए खेलकर किसी पर उपकार नहीं किया है. लेकिन अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखें जो हमारे सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं सियाचिन या अन्य पाकिस्तानी बॉर्डर पर, वह इस देश के महान नायक हैं.' उन्होंने कहा, 'मैं इस बात पर एकदम स्पष्ट हूं, जब मैं राजनीति में नहीं और अब राजनीति में हूं तब भी मेरे यही विचार थे.'
बता दें यूजर्स ने इस सीरीज के विरोध में कहा है कि हमें पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए. एक यूजर ने लिखा जब तक पाक नहीं रोकेगा आतंक नहीं होगा भारत-पाक मैच . वहीं दूसरे यूजर ने लिखा हमारे बलीदानी बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए लड़ रहे है और हमारा देश के खिलाड़ी पाकिस्तान के साथ खेले यह स्वीकार्य नहीं है. बता दे देश के नागरिकों के साथ ही कई हिंदूवादी संगठन मैच को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.