वर्ल्ड बैंक ने कहा कि 2022 में जहां वैश्विक ग्रोथ 3.1 फीसदी रहा है वहीं 2023 में ये केवल 2.1 फीसदी रहने का अनुमान है. विश्व बैंक ने 2024 के ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक को भी घटाकर 2.4 फीसदी कर दिया है जिसे पहले जनवरी 2023 में 2.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था.
विश्व बैंक ने कहा कि, सेंट्रल बैंकों की सख्त मॉनिटरी पॉलिसी का असर कारोबार से लेकर रेशिडेंशियल इंवेस्टमेंट पर देखा जा रहा है. बता दें कि, अमेरिका के फेडरल रिजर्व से लेकर भारत के आरबीआई और ब्रिटेन के बैंक ऑफ इंग्लैंड जैसे सेंट्रल बैंकों ने रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद तेजी से बढ़ी महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में जो बढ़ोतरी की है.
विश्व बैंक ने अपने रिपोर्ट में कहा कि 2023 की दूसरी छमाही में ग्लोबल ग्रोथ की रफ्तार धीमी होगी और ये कमजोरी 2024 में भी जारी रहेगी. बैंकों के संकट और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी और देखने को मिला तो ग्लोबल ग्रोथ में और कमी आ सकती है.
विश्व बैंक ने कहा है कि अमेरिका का इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 1.1 फीसदी इस वर्ष रह सकता है जो जनवरी में जताये गए अनुमान के मुकाबले दोगुना है. इस वर्ष जनवरी में विश्व बैंक ने 2023 में ग्लोबल ग्रोथ रेट यानि जीडीपी 1.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. लेकिन हाल के महीनों में अर्थव्यवस्थाओं में सुधार के बाद उसे बढ़ाकर 2.1 फीसदी कर दिया गया है. लेकिन 2024 के लिए 2.7 फीसदी से घटाकर 2.4 फीसदी कर दिया गया है.