उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला आ गया है. श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका को लेकर कोर्ट से अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति की खारिज करते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य माना है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद नियमित पूजा की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है.
जिला कोर्ट वाराणसी श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. दरअसल, शृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग को लेकर राखी सिंह समेत 9 अन्य ने वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल किया था.
हाईकोर्ट को आज यह फैसला देना था कि ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर वाराणसी की अदालत में दाखिल की गई राखी सिंह समेत पांच महिलाओं का केस चल सकता है या नहीं. इसके साथ ही हाईकोर्ट को यह फैसला भी करना था कि जिला अदालत को इस केस की सुनवाई करने का अधिकार है या नहीं.
बता दें कि दिल्ली की राखी सिंह समेत 5 महिलाओं ने वाराणसी की जिला अदालत में दो साल पहले याचिका दाखिल की थी. याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना नियमित तौर पर किए जाने की अनुमति की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में चल रही थी. जिला जज की अदालत में पिछले साल मई महीने में यह केस ट्रांसफर हुआ था. मुस्लिम पक्ष ने अदालत में आपत्ति दाखिल कर राखी सिंह समेत महिलाओं की याचिका को खारिज किए जाने की अपील की थी. वहीं आज वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिया है.