प्रधानमंत्री मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है. इस उद्घाटन कार्यक्रम का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया और इसका बहिष्कार किया. तमिलनाडु के अधीनम संतों ने पूरे विधि-विधान के साथ अनुष्ठान कराया. पूजा में प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बैठे थे.
धार्मिक अनुष्ठान के बाद अधीनम संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेंगोल सौंपा जिसे नए संसद भवन में स्थापित कर दिया गया है. वहीं दूसरे चरण में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के संदेश को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण को पढ़ा. उसके बाद लोकसभा स्पीकर ने अपनी बात रखी और फिर प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन से पहली बार संबोधित किया.
इस दौरान हरिवंश नारायण ने कहा कि यह जीवंत लोकतंत्र के लिए गर्व का क्षण है. नया संसद भवन वास्तुकला का उदाहरण है और नई संसद में बैठने की जगह ज्यादा है. इस दौरान हरिवंश नारायण ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 2.5 साल से भी कम समय में एक नई आधुनिक संसद का निर्माण किया गया.
देश के नए संसद भवन के उद्घाटन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने नई संसद को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. यह भवन न केवल वह स्थान है जहां लोगों की आकांक्षाएं फलीभूत होंगी, बल्कि अमृत काल में हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा की शुरुआत का प्रतीक भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 75 रुपये का सिक्का लांच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय डाक विभाग के स्मारक डाक टिकट जारी किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय वित्त विभाग द्वारा तैयार किए गए 75 रुपये का सिक्का जारी किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण देते हुए कहा कि देश की यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं. कुछ तिथियां, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं. आज ऐसा ही अवसर है. देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. आज सुबह ही संसद परिसर में सर्वपंथ प्रार्थना हुई है. मैं सभी देशवासियों को भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बधाई देता हूं. ये सिर्फ एक भवन नहीं, 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है. ये विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता है और हमारे लोकतंत्र का मंदिर है.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है. नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है. नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है. नई सोच है, दिशा नई है, दृष्टि नई है. संकल्प नया है, विश्वास नया है.
पीएम मोदी ने कहा कि चोल साम्राज्य में यही सेंगोल कर्तव्य पथ, सेवा पथ, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था. राजाजी के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. तमिलनाडु से विशेष तौर पर आए हुए अधीनम के संत आज सुबह संसद में हमें आशीर्वाद के लिए उपस्थित थे. उनके ही मार्गदर्शन में यह पवित्र सेंगोल स्थापित हुआ है.
पीएम ने कहा कि हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है. जो रुक जाता है, उसका भाग्य भी रुक जाता है. जो चलता रहता है, उसका भाग्य भी चलता रहता है. इसलिए चलते रहो. गुलामी के बाद हमारे भारत ने बहुत कुछ खोकर अपनी नई यात्रा शुरू की थी. वो यात्रा कितने ही उतार-चढ़ाव से होते हुए, कितनी ही चुनौतियों को पार करते हुए आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुकी है.
संसद की नई इमारत इस प्रयास का जीवंत प्रतीक बनी है. आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है. इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी, कला भी है, कौशल भी है. इसमें संस्कृति भी, संविधान के स्वर भी. आप देख रहे हैं कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है. राज्यसभा का हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है और संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है. हमारे देश में अलग-अलग हिस्सों की विविधता इस नए भवन में उनसबको समाहित किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है. बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है. यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है. लोकतंत्र हमारा 'संस्कार', विचार और परंपरा है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 9 साल की सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई एक्सपर्ट बीते नौ साल का आकलन करे तो पाएगा कि ये 9 साल भारत में नवनिर्माण के रहे हैं. गरीब कल्याण के रहे हैं. आज हमें संसद की नई इमारत के निर्माण का गर्व है. मुझे इन 9 सालों में गरीबों के चार करोड़ बनने का भी संतोष है. आज जब हम इस भव्य इमारत को देखकर अपना सिर ऊंचा कर रहे हैं तो मुझे बीते 9 साल में बने 11 करोड़ शौचालयों का भी संतोष हैं, जिन्होंने महिलाओं की गरिमा की रक्षा की, उनका सिर ऊंचा कर दिया. आज जब हम सुविधाओं की बात कर रहे हैं बीते 9 साल में गांवों को जोड़ने के लिए चार लाख किमी से ज्यादा सड़कों का निर्माण किया.
आज हम ईको फ्रेंडली इमारत को देखकर खुश हैं, हमने पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण किया है. आज जब हम उत्सव मना रहे हैं कि हमने नई संसद भवन का निर्माण किया है तो हमने देश में 30 हजार से ज्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं. यानी पंचायत भवन से लेकर संसंद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है. हमारी प्रेरणा एक ही है. देश का विकास, देश के लोगों का विकास.
नए संसद भवन में अपने भाषण को खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सीनियर नेताओं के साथ बातचीत की, जिनमें पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं. उसके बाद वह नए संसद परिसर से चले गए.