आपको बताते चले कि दर्जनों स्कूल मे जो जिला समस्तीपुर बिहार मुख्यालय के शहर मे हैं हर स्कूल का अपना फंडा हैं .हर स्कूल का अपना फ़ीस का पैमाना खुद तय करते हैं और बुक्स को तय क़िताब दूकान पर लेन को कहतें हैं ;ताकी उनका % बनता रहे .
हर साल फ़ीस का पैमाना बदलने के कारण और क़िताब के सेट बदलने के कारण हर मिडिल फॅमिली परेशानी मे रहता हैं .इस पुरे नेटवर्क मे नीचे से ऊपर तक सभी का माप दण्ड बना हुआ हैं .जो मिल कर मलाई खाते है.सरकारी विद्यालय मे शिक्षा का लेवल नीचे आ चूका हैं .जिस कारण से बच्चों को निजी स्कूल मे दाख़िला लेना पड़ता हैं .अभिभाबक गुणबत्ता पुर्ण शिक्षा के लिए निजी स्कूल का दरबाजा देखते हैं .जहां मोटी रक़म की माँग होती हैं .