समस्तीपुर जिला मुख्यालय परिसीमन मे सक्रिय हुए धर्म परिबर्तक .

जिला मुख्यालय समस्तीपुर का काशीपुर ;भोला टॉकीज मोहल्ला ;धर्मपुर बाढ ;गणेश चौक ;मारबारी बाज़ार ;बहादुरपुर मोहल्ला ;रेलवे कॉलोनी ;स्टेशन रोड ;खान मार्केट ;गुदरी बाज़ार ;सहित गामिन् परिबेश का जितबारपुर ग्राम ;चरनूर ;बी अलॉट ;भरमुपुर ;मथुरापुर -राम नगर जैसे इलाका मे पिछले ५ साल मे धर्म विशेष का जनन दर का अनुपात मे विद्धि हो गए .सोचे जहां हिन्दू घटा देश का बिभाजन हुआ .समस्तीपुर शहर मे पंजाबी कॉलोनी और बगाली टोला अब नहीं रहा ?हां शेख टोली; खान मार्केट ;धर्म पुर का आबादी जरूर बढ़ा क्यों ?

प्रवीण सिंह
  • Mar 31 2023 9:57AM

आपको बताते चले की बगाल के रास्ते बिहार के सीमाचल होकर बांग्लादेशी फर्जी तरीके से बिहार के नागरिक बने हुए हैं .जो यहाँ के मूल बिहारी से संबध बनाकर अपने धर्म का विद्धि करते हैं .पहले दुकान डालते हैं फिर पड़ोसी से दोस्ती करते हैं .बिदेसी हराम के रुपयाका प्रयोग कर शहर मे दुकान खोलते हैं .मकान बनाते हैं .हराम के दौलत से लोकल अपने धर्म बालो को पासते और लुभाते हैं .

कई साल गुजर जाने के बाद पंजाबी बंगाली और हिन्दू बेटी बहन को फांसकर शादी कर लेते हैं .फ़िर खुश कर रखना इनकी आदत हैं ;साल गुजरने के बाद जब मन भर जाता हैं तो बच्चे सहित अपनी पत्नी को छोड़ देते हैं .

फ़िर दूसरी बेगम कर जनसंख्या बढ़ना इनकी फिदरत मैं होता हैं .मानसिकता यह होता है की हिन्दू बहन बेटी को लव कर जेहाद कर दे .इस पुरे प्रकरण मे धर्म के धर्म के मौलाना की भूमिका होती हैं .

सोचे छोड़े गई बहन बेटी का हाल क्या होता होगा ?क्या किसी दूसरे धर्म के बहन बेटी हिन्दू लड़का से शादी करती हैं .बहुत कम कारण परबरीश मे उन्हीं से जिंदगी गुजरने को कहा जाता हैं जो उनके धर्म का हो .तो हमारे हिन्दू बहन बेटी को क्यों पासते और रिझाते हैं .

कारण अपना जमात को बढ़ाना हैं और वोट के समय अपने उम्मीदबार को सरकार बनाने मे लाना हैं .हर योजना का लाभ लेना भी लेना हैं और दूसरे धर्म के बहन बेटी को टपकना भी हैं .

जब मोदी सरकार ने कानून बदला तो मिर्ची लग गई .यह देश एक नियम से चलता हैं सरिया क़ानून से नहीं चलता हैं .पर जब बिहार के कोतबाल को इन बातों मे मतलब नहीं दिखता हों .विकास के साथ धर्म पर आधात बाले को पकड़ा जाना चाहिए .

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