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दिल्ली के बजट को रोके जाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर साधा निशाना, कहा- केंद्र सरकार-एलजी के हाथ में अधिकारियों की गर्दन

सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह संविधान के ऊपर हमला है. एलजी को बजट रोकने का कोई अधिकारी नहीं है.

Geeta
  • Mar 21 2023 11:46PM

दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बजट को रोके जाने पर उपराज्यपाल पर खूब निशाना साधा. सीएम केजरीवाल ने इसमें उन्होंने उपराज्यपाल पर जमकर निशाना साधा.

सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह संविधान के ऊपर हमला है. एलजी को बजट रोकने का कोई अधिकारी नहीं है. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आज तक दिल्ली का बजट कभी नहीं रोका गया था. पहली बार केंद्र ने परंपरा को तोड़ा है. यह अहंकार को दिखाया गया है.


CM ने कहा कि, हमें लड़ना नहीं काम करने आता है. सब कुछ ऊपर से आदेश आया है. इस देश में संविधान के ऊपर हमला हो रहा है. संविधान के अंदर बजट पर एलजी को रोकने का कोई अधिकार नहीं है. केंद्र सरकार को बजट पर आपति करने का कोई अधिकार नहीं है. इन्होंने ऊपर से लेकर नीचे तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है. पीएम को अपील है कि हम लड़ना नहीं चाहते, क्योंकि हम बहुत छोटे लोग हैं. लड़ाई से घर और राज्य, देश बर्बाद हो जाते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, आज दिल्ली विधानसभा में बजट पेश होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने बजट रोक दिया, इस पर हम चर्चा कर रहे हैं. बाबा साहेब अंबेडकर जब संविधान लिख रहे होंगे तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि एक राज्य का बजट रोक दिया जाएगा. ये संविधान पर हमला है. तारीखें बताई जा रही है, उपराज्यपाल ने आपत्तियां लगाई, लेकिन संविधान में उपराज्यपाल को इस तरह की आपत्तियां लगाने का कोई अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का 2018 का आदेश और GNCTD एक्ट कहते हैं कि एलजी न तो ऑब्जेक्शन लगा सकते हैं और न ही आब्जर्वेशन. अगर सब कुछ एलजी को‌ करना है तो ये सदन किस लिए है.

उन्होंने आगे कहा कि हम यहां लड़ने नहीं आए हैं. अधिकारियों की गर्दन केंद्र सरकार और एलजी के हाथ में है. ऊपर से आदेश आया कि 3 दिन तक फाइल लेकर बैठे रहो. फ़ाइल बार बार मंत्री को फोन करने के बाद मिली. मैंने मंत्री कहा कि हमें लड़ना नहीं है. सेम बजट भेजा, लेकिन ईगो थी. 
 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार का बजट अप्रूव कर दिया गया है. कह रहे हैं कि कैपिटल से ज्यादा विज्ञापन पर बजट रखा गया, इन्हे ये भी नहीं पता कि 500 करोड़ ज्यादा होते हैं या 20 हजार करोड़, नीचे से ऊपर तक अनपढ़ बैठे हैं। अनपढ़ों की जमात बिठा रखी है.
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