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शरीयत कानून के खिलाफ मुस्लिम महिला की याचिका, SC में बोलीं - संपत्ति में चाहिए समान हक; मुस्लिम पर्सनल लॉ करता है भेदभाव

शरीयत कानून के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका लगाने पहुंची बुशरा अली

Shashi Priya Singh
  • Mar 18 2023 4:10PM

शरीयत कानून को लेकर अक्सर बहस चलती रहती है। देश में शरीयत कानून को लागू करने को लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग इसकी जबरदस्त वकालत करते हैं तबकि इसके कई लोग एक देश एक कानून की बात करते हैं। देश में अब एक मुस्लिम महिला ने शरीयत कानून के खिलाफ सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस कानून के खिलाफ बोलने वाले लोग शुरू से यह कहते आए हैं कि इस कानून में मुस्लिम महिलाओं को पूरी आजादी नहीं है और उनपर कई पाबंदियां भी हैं। शरीयत कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर जाने वाली भी एक मुस्लिम महिला ही है।

 मुस्लिम महिला ने याचिका में क्या कहा...

शरीयत कानून के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका लगाने वाली महिला का नाम बुशरा अली है। बुशरा अली का कहना है कि इस कानून में महिला के साथ भेदभाव किया गया है। यह भेदभाव संपत्ति के बंटवारे से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में महिला ने कहा है कि उनके पैतृक संपत्ति के बंटवारे में उन्हें पुरुषों के समान अधिकार नहीं मिला है। जबकि देश के संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है।

संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन

बुशरा अली ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका के जरिए ये कहा है कि यह अनुच्छेद जाति, धर्म या जेंडर यानी लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव को रोकता है। महिला का कहना है कि जब उनके परिवार में संपत्ति का बँटवारा हुआ तो उसे 7/152 का हिस्सा दिया गया। महिला ने दावा किया कि वहीं पुरुषों को 14/152 का हिस्सा दिया गया, जो उसकी हिस्सेदारी से दोगुना है। बुशरा ने कहा है कि यह शरिया का कानून आर्टिकल -13(1)का भी उल्लंघन करता है।

बुशरा अली का कहना है कि भारतीय संविधान सभी को बराबरी का हक देता है, इसलिए संपत्ति का बंटवारा भी इसी कानून के तहत किया जाना चाहिए। यहां आपको बता दें कि बता दें कि मुस्लिमों में सिविल मामलों का निबटारा शरीयत कानून पर आधारित मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होता है। दरअसल केरल हाईकोर्ट ने 6 जनवरी को इस मामले में शरीयत कानून के पक्ष में फैसला सुनाया था।

बुशरा ने अब हाईकोर्ट के इस फैसले को 'सुप्रीम' अदालत में चुनौती दी है। बहरहाल महिला की याचिका पर अदालत ने 11 भाई-बहनों को नोटिस जारी किया है। इनमें चार बहनें शामिल हैं। बता दें कि दुनिया के कई इस्लामिक देशों में शरिया कानून का राज है। इनमें सऊदी अरब, ईरान, ब्रुनेई, अफगानिस्तान, सुडान और कतर जैसे कई देश शामिल हैं

 

3 Comments

Ek Desh Ek Law hona chahiye. Law is equal for all.

  • Mar 19 2023 8:47:13:437AM

Ek Desh Ek Law hona chahiye. Law is equal for all.

  • Mar 19 2023 8:47:12:953AM

Ek Desh Ek Law hona chahiye. Law is equal for all.

  • Mar 19 2023 8:47:12:347AM

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