बात 18 साल पहले की है राजू पाल और उनकी पत्नी बीएसपी पार्टी में थी.
2005 में राजू पाल बीएसपी के टिकट से पश्चिम प्रयागराज से खड़े हुए थे और उनके
सामने अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद खड़े हुए थे लेकिन किस्मत को कुछ ओर ही मंजूर था.
राजू पाल पहली बार पश्चिम प्रयागराज से बड़ा उलटफेर करते हुए जीत गए.
और यह बात अतीक और उसके भाई अशरफ को हजम नही हो रही थी. उस समय राजू पाल की शादी
को सिर्फ 9 दिन ही हुए थे और अतीक अहमद ने अपने गुर्गों को राजू पाल के पीछे लगा
दिया और फिर क्या था.
अतीक ने बड़ी साजिश रचते हुए प्रयागराज स्थित धूमनगंज क्षेत्र में सरेआम
राजू पाल को गोलियों से छलनी करते हुए मार दिया. और अभी 18 साल बाद भी लगभग वही
दृश्य फिर अतीक अहमद ने बड़ी साजिश रचते हुए द्वारा दोहराया प्रयागराज में उसी जगह
जहाँ राजू पाल की हत्या की गई थी.
वही उनके मुख्य गवाह उमेश पाल की भी हत्या कर दी गई. जब उमेश पाल की
हत्या की गई थी तब पुराने लोगो को लगा रहा था की वही मंजर द्वारा आंखो के सामने
घूम रहा है. इस बार गोलियों के साथ – साथ बम का भी हमले में इस्तेमाल किया गया. जब
राजू पाल 2005 में पश्चिम प्रयागराज से विधायक बने थे तो उनके दुश्मन अपनी यह हार
पचा नही पा रहे थे.
अतीक और अशरफ राजू पाल को अपना दुश्मन मान बैठे थे. जिस वक्त राजू पाल कि हत्या की गई थी उस समय राजू
पाल अपनी क्वालिस गाड़ी चल रहे थे. राजू के साथ उनके दोस्त की पत्नी भी बैठी थी और
उनके साथ उनके समर्थकों की एक स्कॉर्पियो भी थी.
राजू की गाड़ी के पिछे अतीक के गुर्गो की गाड़ी थी
थोड़ी दूर जा कर अतीक के गुर्गो ने राजू पाल को घेर लिया और देखते ही देखते राजू
पाल की छाती गोलियों को छलनी कर दिया. बताया जाता है कि राजू पाल पर हत्या करने
वाले वालों की संख्या दो दर्जन से ज्यादा लोगो की थी. इसके बाद वहाँ मौजूद लोग
राजू पाल को अस्पताल ले जा रहे थे हमलावरों को लगा की राजू पाल कहीं बच न जाएं तो
हमलावरों ने टेंपों का पीछे कर फारयिंग कर दी. अस्पताल तक पहुँचते पहुँचते राजू
पाल की मौत हो गई राजू के साथ अन्य दो लोग भी मारे गए.