AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी की महाराष्ट्र में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। महाराष्ट्र सरकार ने सांसद ओवैसी पर शिकंजा कसने के आदेश दे दिए हैं। दरअसल असदुद्दीन ओवैसी को गोरक्षकों को आतंकवादी कहना भारी पड़ सकता है। ऐसा लग रहा है कि ओवैसी अपने ही बयानों में फंस गए हैं। दरअसल ओवैसी ने अपने एक बयान में गोरक्षकों को आतंकवादी कह दिया था। जिसको महाराष्ट्र सरकार ने भड़काऊ बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि अगर जांच में AIMIM प्रमुख दोषी पाए जाते हैं तो ऐक्शन लिया जाएगा। बता दें कि मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी की सरकार ने गोरक्षकों के नाम पर आतंकवादियों को पैदा किया है।
गोरक्षकों को आतंकवादी बताते हुए ओवैसी ने कहा था कि जो लोग हमारा गला काटना चाहते हैं, वे वक्त और जगह बताएं। AIMIM सुप्रीमो ने कहा था कि हम गला कटाएंगे तो शहीद कहलाएंगे न कि मरा हुआ कहलाएंगे। इस मौके पर उन्होंने मुस्लिम युवाओं से आह्वान किया कि वे देश में अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए मजबूत ताकत बनकर उभरें। इतना ही नहीं ओबैसी यहीं नहीं रूके उन्होंने गोरक्षकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग उन लोगों को मारने-पीटने लगते हैं और उन्हें बेइज्जत करते हैं।
शरद पवार-उद्धव ठाकरे को सुनाई खरी-खरी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर भी हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि ठाकरे और पवार ने जरूरत के समय मुसलमानों का साथ नहीं दिया। ओवैसी महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के युवाओं से सवाल किया कि अगर अजित पवार, सुप्रिया सुले, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस नेता बन सकते हैं तो आप क्यों नहीं? ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम की स्थापना 65 साल पहले कुछ मुट्ठी भर लोगों ने की थी और कुछ लोग ही उसकी बैठकों में शामिल होते थे लेकिन अब यह संख्या हजारों में जा चुकी है।
युवाओं का ओवैसी ने किया आह्वान
ओवैसी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि हमारी मौजूदगी संसद, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों में है और यह लगातार बढ़ रही है। युवाओं को चाहिए कि वे चुनाव के जरिये प्रशासन में जाने की भी कोशिश करें।' ओवैसी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे आगे आएं, एआईएमआईएम को मजबूत बनाएं और मुस्लिमों व दलितों के अधिकारों के लिए लड़ें। बहरहाल अब ये देखने वाली बात होगी कि क्या महाराष्ट्र सरकार को ओवैसी के खिलाफ कोई साक्ष्य मिल पाते है? क्या AIMIM प्रमुख दोषी पाए जाते हैं?