आपको बताते चले कि पूर्णिया के मैदान रग भूमि को चुना गया .आज यूनिवर्सिटी का एग्जाम था जिसे रैली के कारण आगे बढ़ा दिया गया हैं .इसे दुर्भाग कहे या सोभाग कि अंडर १२ के शिक्षा प्राप्त लालू के लाल सहित शिक्षित जन प्रतिनिधि भी स्टूडेंट के कॅरिअर को हलके मे लेते हैं .
बिहार मे रोज़ी रोजगार शिक्षा आज भी बड़ा मुद्दा हैं .पैसे से मजबूत अभिभाबक के लिए स्कूल कॉलेज सब उपलब्ध हैं ;दूसरी तरफ़ कमजोर लोग आज भी शिक्षा के लिए बालू फांकते हैं .जिन लोगों का जामबार हुआ हैं उनमे यह डर हैं कि हम एक़ पलेटफार्म पर नहीं आए तो 2024 मे हमलोग तास के पत्ते की तरह बिखर जाएंगे .
नीतीश आख़री ओवर खेल रहे हैं .लालू ंमझि को अपने लाल की चिंता हैं .लाल झड़ा बाले को बीजेपी नहीं पचता हैं .कांग्रेस को मज़बूरी मे बैक साइड से बैटिंग करना पर रहा हैं .दरअसल रेला तो ऊपरी एकता दिखाना हैं .समय आते सभी एक दूसरो का पैर खीचेंगे .जनता खिचड़ी नहीं बहुमत बाली सरकार बनाएंगे .