इन दिनों बिहार में यात्राओं का दौर सर शुरू हो गया है जहां राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर निकले हुए हैं तो वही प्रशांत किशोर भी पदयात्रा पर निकले हुए हैं इसी कड़ी में जीतन राम मांझी भी गरीब संपर्क यात्रा पर निकले हुए हैं इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार की पोल खोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को उनके ही कुछ पदाधिकारी मुख्य मुद्दे से भटकाने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए नीतीश कुमार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं जो चलाई जा रही है उसकी वस्तु स्थिति जमीनी स्तर पर क्या है इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है.
नीतीश समाधान यात्रा जरूर कर रहे हैं, लेकिन यात्रा में गरीब गुरबत को मुख्यमंत्री को अपनी पीड़ा सुनाने का मौका नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि हमारी पार्टी के द्वारा गरीब संपर्क यात्रा प्रारंभ की गई है. हम लोग गरीबों के पास जाकर उनसे संपर्क करते हुए उनकी समस्याओं की जानकारी ले रहे हैं. आगे कहा कि बिहार का जितना विकास होना चाहिए था उतना विकास अब तक नहीं हुआ है. आजादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद गरीब दलित के बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ने को मजबूर हैं जबकि अमीर के बच्चे बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूल,कॉलेज में दाखिला लेकर पढ़ाई कर रहे हैं.
जीतन राम मांझी ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री के पद पर था तो गरीब से लेकर के आम आवाम के लिए योजनाएं बनाई थी, लेकिन उन योजनाओं पर वर्तमान की सरकार कार्य नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि आज सबसे अधिक परेशानी भूमिहीन गरीब दलितों को हो रही है.
पांच डिसमिल जमीन देने की बात सरकार लगातार कह रही है, लेकिन अभी तक 10% लोगों को भी पांच डिसमिल जमीन नहीं मिला है. पीएम आवास योजना का भी हाल काफी खराब है जिनको प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिलना चाहिए था उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है और जिनको लाभ नहीं मिलना चाहिए था उन्हें इसका लाभ दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इन तमाम समस्याओं को लेकर 26 फरवरी को गया में गरीब संपर्क रैली की जाएगी.