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4 करोड़ रुपए में ऐतिहासिक मूर्ति को बेचने की थी तैयारी...पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार, पांचवा अभी पुलिस की पकड़ से बाहर

शातिर चोर गिरोह को पुलिस ने मूर्ति बेचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख
  • Dec 4 2022 11:48PM
 
 
 
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में दुर्लभ ऐतिहासिक मुर्ति को पहले चोरी किया गया, फिर उसे 4 करोड़ रुपए में बेचने की कोशिश की गई। शातिर चोर गिरोह को पुलिस ने मूर्ति बेचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। 
 
 
 
बिलासपुर पुलिस ने इस पूरे मामले में खुलासा करते हुए कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं। मस्तूरी क्षेत्र के भवर गणेश मंदिर में फिल्मी स्टाइल से मूर्ति चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था और मूर्ति खंडित हो जाने की वजह से चोर गिरोह को ग्राहक तलाशने में समस्या हो रही थी। इस दौरान उन्होंने चार करोड़ की मूर्ति को महज़ 2 करोड़ में बेचने की मंशा बना ली और इसके लिए संभावित ग्राहक तलाशने लगे। इसी बीच पुलिस को उनकी भनक लग गई और आखिरकार इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करोड़ों की खंडित मूर्ति और अन्य चीजें जप्त गई है। इस दुर्लभ ऐतिहासिक बेशकीमती मूर्ति को चोरी करने वाले गिरोह का एक सदस्य अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
 
 
 
बिलासपुर के मस्तुरी क्षेत्र के ग्राम इटवा पाली में प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर के पुजारी को बंधक बनाकर ग्रेनाइट की भांवर गणेश मूर्ति को चोर लेकर फरार हो गए थे, महीनों बाद चोरों पुलिस ने पकड़ने में सफलता हासिल की है। 
 
 
 
दरअसल बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम ईटवापाली से 26 अगस्त 2022 की दरम्यानी रात में अज्ञात चोरो ने प्राचीन भांवर गणेश मंदिर के पुजारी महेश राम केंवट को मारपीट करते हुए पिस्टल अड़ाकर पूरे शरीर को टेप से चिपकाकर बंधक बना दिया और मंदिर के ताले को सब्बल से तोड़कर ऐतिहासिक मूर्ति को लूटकर फरार हो गये थे। जिससे आसपास इलाके मे प्रचीन मूर्ति चोरी होने से हड़कंप मच गया मामले मे पुलिस चोरों की सरगर्मी से तलाश में जुटी थी।
 
 
 
चार करोड़ मे मुर्ति बेचने ग्राहक की तलाश में थे चोर
एस एस पी पारुल माथुर ने इस मामले पर छानबीन शुरू करने तीन टीम का गठन किया। तकरीबन साढ़े तीन महीने बीतने के बाद भी इस चोरी का किसी तरह कोई सुराग नहीं मिल रहा था। इसी दौरान लगभग चार दिन पहले क्राईम बांच के मस्तुरी के स्थानीय आरक्षक को उसके मुखबीरों से सूचना मिली कि ग्राम चौहा के दो युवक काले पत्थर के एक टुकडे का सैम्पल लेकर उसे चार करोड में मूर्ति बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे हैं।
 
 
क्राईम ब्रांच की टीम व्यापारी बनकर पहुंचे सौदा करने
मामले की जानकारी उच्च अधिकारी को लगी, तब क्राईम बांच प्रभारी हरविन्दर सिंह को स्वयं ग्राहक बनकर सौदा करने भेजा। क्राईम ब्रांच प्रभारी हरविन्दर सिंह और आरक्षक गोविन्द शर्मा ने खुद को कन्नौज यूपी का व्यापारी बताकर तीन दिन पहले युवराज टण्डन से मुलाकात कर सौदे की चर्चा करते हुए पहले मूर्ति दिखाने की मांग की और 3 दिसंबर को रात में ग्राम चौहा में पांच लाख के रूपये, जिसमें कुछ असली रूपये और बाकी चुरन वाली नकली नोट एडवांस मनी के रूप में दिखाते हुए प्रभारी ने फिर युवराज टण्डन से पहले मूर्ति दिखाने की बात दोहराई।
 
 
 
दोस्त को फोन कर मोटरसाइकिल मे मंगाया मूर्ति और चंगुल मे आ गये सभी।
चौहा गांव के युवराज टंण्डन पिता लक्ष्मी टण्डन ने अपने दोस्त मोहताब सुमन को फोन कर मोटर सायकिल में मूर्ति मंगवाई.जैसे ही मोहताब सफेद रंग के झोले में मूर्ति लेकर आया और झोला खोलकर मुर्ति दिखाई तब काईम ब्रांच टीम ने घेराबंदी कर युवराज और मोहताब को अपने कब्बे में लेकर कड़ाई से पुछताछ किया तो वह दोनों ने अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ पैसे के लालच में घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। 
 
दो गांव के अलग अलग तलाब मे छुपाया था मूर्ति 
 
पुलिस लगातार मूर्ति की तलाश मे परेशान थी चारो तरफ नाके बंदी और खोजबीन मे बिलासपुर पुलिस लगी थी बावजूद किसी प्रकार चोरो का पता नही चल पा रहा था।इससे पुलिस की शक और गहराया नाकेबंदी का बाद भी पता नही चल पा रहा, तो जरूर यह लोकल लोगों का हाथ हो सकता है। पकड़े गए युवकों से पुलिस ने मुर्ती चोरी कर छिपाये गये जगह की जानकारी ली तो पता चला की चोरो ने ग्रेनाइट की प्राचीन मूर्ति को पहले नवागांव के तलाब मे कुछ दिन छुपाया जिसके बाद पकड़े जाने के डर से वहा से निकालकर टिकारी गांव के तलाब मे छुपाया था। ग्रामीणों के अनुसार इससे पहले भी यह मुर्ती दो बार चोरी हुई थी जिसे चोरो ने वापस मंदिर पर ही लाकर स्थापित कर दिया था।
 
 
 
वहीं इस मामले मे चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, तो वहीं अतूल भार्गव नाम के युवक फरार बताया जा रहा है। जिसे पुलिस तलाश कर रही है। इनके पास से भगवान भांवर गणेश की खण्डित मूर्ति चार टुकडो में प्राप्त की है। वहीं चांदी की मुकुट 31 टुकड़ों में एक चिड़िया मार पिस्टल और सब्बल के साथ ही घटना में उपयोग दो मोटर सायकिल पुलिस को मिला है। पुलिस ने इस मामले में पता देने वालों के लिए पहले ईनाम की घोषणा की जा चुकी है। बहरहाल ऐसे प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर, मूर्ति धरोहरों को सुरक्षित रखने पुलिस प्रशासन व आम लोगों को भी ध्यान देने की जरूरत है।
 
 
 
 
 
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