इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ, twitter-@shwetamedia207
आपने अक्सर लोगों को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव को मुल्ला मुलायम कहते हुए सुना होगा। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि मुलायम सिंह तो हिंदू थे तो फ़िर लोगों ने उन्हें मुल्ला कहना क्यों शुरू कर दिया?
आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूर्ण होने की कगार पर है लेकिन इसी अयोध्या में मुलायम सिंह के आदेश पर हुआ रामभक्तों का नरसंहार उन्हें मुल्ला बना गया। 2 नवंबर , 1990 को सुबह का वक्त था अयोध्या के हनुमान गढ़ी के सामने लाल कोठी के सकरी गली में कारसेवक बढ़े चले आ रहे थे। पुलिस ने सामने से आ रहे कारसेवकों पर फायरिंग कर दी, जिसमें करीब ढेड़ दर्जन लोगों की मौत हो गई। ये सरकारी आंकड़ा है। अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह यादव ने कई साल बाद कहा था कि उस समय मेरे सामने मंदिर-मस्जिद और देश की एकता का सवाल था।बीजेपी वालों ने अयोध्या में 11 लाख की भीड़ कारसेवा के नाम पर लाकर खड़ी कर दी थी।देश की एकता के लिए मुझे गोली चलवानी पड़ी। हालांकि, मुझे इसका अफसोस है, लेकिन और कोई विकल्प नहीं था।
...और कहलाने लगे 'मुल्ला मुलायम'-
इस घटना के दो साल बाद 6 दिसंबर, 1992 में विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था। 1990 के नरसंहार के बाद हुए विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह बुरी तरह चुनाव हार गए और कल्याण सिंह सूबे के नए मुख्यमंत्री बने। तब मुलायम को 'मुल्ला मुलायम' तक कहा जाने लगा क्योंकि उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे। मुलायम सिंह ने इसी दौरान समाजवादी पार्टी का गठन भी किया और उन्हें मुस्मिलों का नेता कहा जाने लगा।