पंजाब की गलियों से होते हुए राजनिति अब दिल्ली की ओर चल पड़ी है। आपको बता दें कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने छह पूर्व विधायकों के साथ आज बीजेपी में कद़म रखेगें। कैप्टन अमरिंदर के बीजेपी में शामिल होने के दौरान मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे।
इस दौरान कैप्टन के बेटे रण इंदर सिंह, बेटी जय इंदर कौर, नाती निर्वाण सिंह बीजेपी में शामिल होंगे। लेकिन वहीं दूसरी और अमरिंदर की पत्नी सांसद परनीत कौर अपनी पूरानी पार्टी ( कांग्रेस ) का साथ नहीं छोड़ेगी। आपको बता दें कि, पंजाब में AAP की पार्टी के आ जाने के बाद से ही कैप्टन की पार्टी में खलबली मची हुई थी। जिसके बाद अब कैप्टन ने बीजेपी में शामिल होने की बात कही है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि, बीजेपी को लंबे समय से पंजाब में एक मजबूत सिख चेहरे की तलाश कर रही है। ऐसे में अमरिंदर सिंह का बीजेपी में आना एक अहम भूमिका हो सकती है। वहीं अगर बात करे उनके निजी जीवन की तो, कैप्टन अमरिंदर सिंह का जन्म (11 मार्च 1942) को एक जाट सिख परिवार में हुआ।
साथ ही वह पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री के साथ अमृतसर से सांसद भी रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में वे अमृतसर सीट से चुनाव में खड़े हुए और जिते भी है। आगे बता दें कि उनका विवाह परनीत कौर से हुआ। परनीत कौर भी राजनीति में हैं और मनमोहन सिंह की सरकार में अमरिंदर सिंह भारत की विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने पटियाला सीट से चुनाव लड़ा किंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अमरिंदर सिंह जब पंजाब के सीएम थे उस दौरान उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी जी हमेशा सहयोग करते हैं। जिसके बाद ऐसा कहा जाता है कि शायद उनका बीजेपी में आने इस वक्त से पहले ही तय हो चुका होगा। दरअसल, कैप्टन इस समय 80 वर्ष के हो चुके हैं।
वहीं बीजेपी 75 वर्ष से ऊपर नेताओं को टिकट नहीं देती है। ऐसे में अब कैप्टन के लिए थोड़ी मुश्किल बढ सकती है। लेकिन वहीं बेटी की बात की जाए तो जय इंदर कौर उनका राजनीतिक काम संभालती हैं। पंजाब के चुनाव में उनकी भूमिका बहुत अहम रही है। इस स्थिती में माना जा सकता है कि उनकी बेटी को भी कोई महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है। लेकिन प्रश्न यह बनता है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद उनकी क्या भूमिका रहेगी।