सोनभद्र। परिवहन विभाग पर लगातार भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के आरोप लगते आ रहे थें। लेकिन भ्रष्टाचारियों के पकड़ के आगे बौना साबित होते थे। तेज तरार जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने जब से जिले की कमान संभाली हैं, तब से ऐसे भ्रष्टाचारियों, भू माफियाओं पर शिकंजा कसता जा रहा है। लगातार एक के बाद एक अनियमितता सामने आ रही हैं। फर्जी रिलीज ऑर्डर पर थानों में बंद कराएं गए वाहनों को छोड़े जाने की शिकायत जिला अधिकारी के संज्ञान में आई।प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर तत्काल एक टीम का गठन कर विस्तृत जांच का आदेश दिया।
जिलाधिकारी के कड़े फटकार और कार्रवाई की दी गई चेतावनी के बाद हरकत में आए परिवहन विभाग के अधिकारियों ने अब तक 49 वाहन मालिकों एवं चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। 50 वाहनों को ब्लैक लिस्टेड कर एक और एफआईआर के लिए विंढमगंज थाने में तहरीर दे दी गई है।
एआरटीओ पीएस राय ने बताया है कि मंडलीय समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त के निर्देशन पर परिवहन विभाग द्वारा 21 जून को संभागीय निरीक्षक प्राविधिक आलोक कुमार यादव को निर्देशित किया गया कि थाने में निरूद्ध ऐसे सभी वाहन, जिनके चालान के प्रशमन, संबन्धित वाहन स्वामियों-चालकों द्वारा नहीं कराया गया हैं और यदि वे वाहन थाने से अवमुक्त हो चुके हैं तो इससे संबंधित वाहन के स्वामियों-चालकों द्वारा थाने में प्रस्तुत किए गए अवमुक्ति आदेश की छायाप्रति प्रस्तुत करें।
उक्त के क्रम में आलोक कुमार यादव ने चोपन थाना, डाला पुलिस चौकी, म्योरपुर थाना, बभनी थाना और विंढमगंज थाने से छोड़े गए वाहनों की जानकारी दी। इस पर विनोद कुमार श्रीवास्तव पटल सहायक को इसके विभागीय सत्यापन का निर्देश दिया गया। 22 जुलाई को प्रधान सहायक श्रीवास्तव ने रिपेार्ट दी कि उनके यहां अब तक जो भी वाहनों के अवमुक्ति की जानकारी आई है, उसमें 50 वाहनों को अवमुक्त किए जाने का आदेश कार्यालय स्तर से जारी नहीं किया गया है।
एआरटीओ पीएस राय ने बताया कि अब तक चोपन थाना, डाला चौकी, म्योरपुर थाना, बभनी थाना और विंढमगंज थाने में बंद कराए गए 50 वाहनों को फर्जी आदेश पर अवमुक्त कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। 49 वाहनों के बाबत एफआईआर दर्ज करा दी गई है। विंढमगंज में एक और एफआईआर की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।