उद्योग मंडल सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने सोमवार को कहा कि 677 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के साथ भारत किसी भी चुनौती से निपटने और चालू खाते के घाटे के वित्तपोषण को लेकर बेहतर स्थिति में है. पिछले तीन साल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 270 अरब डॉलर बढ़ा है.
दास ने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार 622 अरब डॉलर है. इसके अलावा 55 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा अनुबंध संपत्ति (फॉरवार्ड एसेट) के रूप में है. यह संपत्ति समय-समय पर हर महीने परिपक्व होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास आज की तिथि में 677 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है. भारत वैश्विक कारणों से उत्पन्न किसी भी प्रभाव से निपटने या चालू खाते के घाटे के वित्तपोषण के लिये बेहतर स्थिति में है.’’
मुद्रा भंडार किसी भी अर्थव्यवस्था में स्थिरता और भरोसा देता है. इस सुझाव पर कि मुद्रा भंडार का छोटा सा हिस्सा अर्थव्यवस्था की जरूरतों के वित्तपोषण में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, दास ने कहा कि यह परामर्श उपयुक्त नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिये मुद्रा भंडार का उपयोग उपयुक्त सुझाव नहीं है…. आरबीआई के आकलन के अनुसार भारत को ऐसा नहीं करना चाहिए और इसीलिए हम इसके पक्ष में नहीं हैं.’’
गवर्नर ने कहा कि इसका कुछ असर हो सकता है लेकिन आरबीआई को भारतीय मुद्रा की स्थिरता बनाये रखने का भरोसा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की नीति अत्याधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिये विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप की है. दास ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है और बाह्य मोर्चे पर भी अच्छा कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम अनिश्चित दुनिया में रहते हैं और आत्मसंतुष्टि के लिये कोई जगह नहीं है. हमें सतर्क रहने की जरूरत है. हमारी इस पर नजर है.’’ दास ने कहा कि रिजर्व बैंक की कच्चे तेल और जिंसों के दाम में पर कड़ी नजर है. बढ़ती महंगाई को लेकर गवर्नर दास ने कहा कि यूरोप में जारी क्राइसिस का यह असर है. उन्होंने बढ़ती महंगाई और घटते ग्रोथ रेट वाली स्थिति (stagflation) को नकारा है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी रह सकता है. उन्होंने स्टैगफ्लेशन को पूरी तरह से नकारा है.
दास ने कहा कि मार्च 2020 से अब तक रिजर्व बैंक ने सिस्टम में 17 लाख करोड़ की लिक्विडिटी डाला है. रिजर्व बैंक ने इकोनॉमी के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं. इकोनॉमी में लिक्विडिटी इंफ्यूजन को चक्रव्यूह की तरह माना जाता है जिसमें घुसना आसान है लेकिन निकलना मुश्किल है. हमने जब लिक्विड इंफ्यूजन के जरिए चक्रव्यूह में घुसने का फैसला किया, उसी समय निकलने का प्लान तैयार कर लिया गया था. आने वाले समय में हम आसानी से इससे बाहर निकल जाएंगे.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इकोनॉमी के 60 इंडिकेटर्स इस समय हरे निशान में हैं. केवल ऑटो सेक्टर ऑरेंज जोन में है. बैंकिंग सेक्टर अच्छे से कैपिटलाइज है. इसके अलावा NPA घटकर 6.5 फीसदी के रिकॉर्ड लो पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमत को ट्रैक कर रहा है. कंपनियों की वर्तमान हालत पहले के मुकाबले बेहतर है. कुल मिलाकर इकोनॉमी किसी भी परिस्थिति से मुकाबले करने के लिए पूरी तरह तैयार है.