वित्त मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय एफएसडीसी (FSDC) ने मंगलवार को वैश्विक और घरेलू घटनाक्रम से उत्पन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की...बता दें कि बजट 2022-23 पेश करने के बाद उच्च स्तरीय पैनल की यह पहली बैठक थी. वित्त मंत्री ने किसी भी गड़बड़ी या समस्या को समय से पहले ट्रैक करने के लिये नियामकों से वित्तीय क्षेत्र पर निरंतर निगरानी रखने को कहा. गौरतलब है कि यह अहम बैठक ऐसे समय पर हुई है जब दुनिया भर में यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का असर गहराता जा रहा है.
बता दें कि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल यानि एफएसडीसी की बैठक में आरबीआई (RBI) गवर्नर, सेबी अध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव तरुण बजाज, वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा, और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष अजय त्यागी सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे.
इस बैठक में परिषद ने वित्तीय क्षेत्र के आगे के विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ साथ सभी के लिये आर्थिक विकास हासिल करने के आवश्यक उपायों पर भी चर्चा की. बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परिषद ने एफएसडीसी के विभिन्न उद्देश्यों और वैश्विक और घरेलू विकास के सामने उत्पन्न होने वाली प्रमुख वित्तीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया.
बयान में कहा गया कि परिषद ने गौर किया है कि सरकार और सभी नियामकों को वित्तीय स्थितियों और महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों के कामकाज पर निरंतर निगरानी रखने की जरूरत है, खासतौर यह देखते हुए ऐसी कोई भी कमी आगे चलकर वित्तीय संस्थानों और क्षेत्र के लिये बड़ा जोखिम बन सकती है. परिषद ने वित्तीय क्षेत्र के आगे विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ समावेशी आर्थिक विकास हासिल करने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा की.
एफएसडीसी की 25वीं बैठक में मुद्रा प्रबंधन से संबंधित परिचालन संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई और आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में एफएसडीसी उप-समिति द्वारा की गई गतिविधियों और एफएसडीसी के पिछले निर्णयों पर सदस्यों द्वारा की गई कार्रवाई पर भी ध्यान दिया गया.