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Budget Proposal: निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री के लोगों से की मुलाकात... कहा- ‘सरकार नवोन्मेषण को बढ़ावा देना चाहती है’

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम एक सतत या टिकाऊ पुनरुद्धार चाहते हैं. बजट में वृद्धि के पुनरद्धार पर जोर दिया गया है. इसमें प्राथमिकता के आधार पर टिकाऊ पुनरुद्धार और एक अनुकूल कर व्यवस्था के बारे में भी संदेश है.’’

Geeta
  • Feb 21 2022 3:21PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में इंडस्ट्री के लोगों से मुलाकात की...इस दौरान सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य टिकाऊ पुनरुद्धार का है. देश की आर्थिक राजधानी में सोमवार को बजट-बाद परिचर्चा में वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए बजट प्रस्तावों से अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह बजट ऐसे समय तैयार किया गया है जब अर्थव्यवस्था महामारी के प्रभाव से उबर रही है.

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम एक सतत या टिकाऊ पुनरुद्धार चाहते हैं. बजट में वृद्धि के पुनरद्धार पर जोर दिया गया है. इसमें प्राथमिकता के आधार पर टिकाऊ पुनरुद्धार और एक अनुकूल कर व्यवस्था के बारे में भी संदेश है.’’

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रौद्योगिकी की मदद से सरकार महामारी के दौरान प्रभावित लोगों को मदद कर पाई. सरकार इस बात पर भी गौर कर रही है कि कैसे डिजिटल समाधानों का इस्तेमाल शिक्षा और कृषि क्षेत्र में किया जा सकता है. सीतारमण ने कहा कि सरकार नवोन्मेषण को बढ़ावा देना चाहती है. इसके अलावा स्टार्टअप कंपनियों को भी सरकार का समर्थन जारी रहेगा.

वहीं भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष टी वी नरेंद्रन ने कहा था कि स्वास्थ्य सेवा पर खर्च हालांकि बढ़ा है और यह जीडीपी के 1.3 फीसदी के बराबर है. लेकिन ऐसी उम्मीद थी कि सरकार स्वास्थ्य पर खर्च को बढ़ाकर जीडीपी का तीन फीसदी करेगी. सोमनाथन ने कहा, ‘‘इन आंकड़ों को इस दृष्टि से देखा जाना चाहिए कि स्वास्थ्य राज्यों का दायित्व होता है.’’

सोमनाथन ने कहा कि महामारी के बाद सरकार ने आपात ऋण गारंटी योजना की घोषणा की थी. इस योजना के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को 50,000 करोड़ रुपए की ऋण आपूर्ति हो सकती है. उन्होंने कॉरपोरेट क्षेत्र से कहा कि वह इस योजना का पूरा फायदा उठाए. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर न सिर्फ सरकार को बल्कि निजी क्षेत्र को भी काफी ध्यान देने की जरूरत है.

वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र मुख्य रूप से राज्यों का दायित्व है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को कम बजटीय आवंटन के सवालों पर सोमनाथन ने सोमवार को यह बात कही. उल्लेखनीय है कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.3 फीसदी के बराबर है. सोमनाथन ने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य ढांचे पर खर्च करती है.

उन्होंने कहा इसके अलावा सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर भी खर्च कर रही है जिससे समाज के कमजोर तबके के लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के बजट प्रस्तावों के अनुसार, सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर 83,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी. यह 2021-22 के बराबर है. हालांकि, देश में कोविड-19 महामारी अभी कायम है.

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