जिला पंचायत समस्तीपुर चेयरमैन वाईस चेयरमैन चुनाब मैं ख़रीद परोध .
बिगत 03.01.2022 को जिला परिषद् चेयरमैन वाईस चेयरमैन के चुनाब मैं जम कर पार्षद की बोली लगी .जो जिला पार्षद बिक़ गए उनको किसी के पॉकेट का कहा जा सकता हैं .पॉकेट का मतलब उनका (खरीदार )का पालतु ज़िला पार्षद .3- 5 करोड़ मैं बोली लगी और नेपाल मैं नया साल माना फ़िर सीधे बस से वोटिंग के दिन चेयरमैन चुन लिया गया .यह नई परम परा हैं की शुरुआत पिछली कार्य काल मैं गोवा यात्रा से हुआ .
एक्स चेयरपर्सन प्रेमलता ने पार्षदों के हक़ की योजना को अपने मन के मुताबिक मार्केटिंग कॉप्लेक्स मैं करबाया जिसमें जिला पार्षदों को अलग़ रहा गया .जब मबला जांच के ढर्रे पर गया तो इस बार एक्स वाईस चेयरमैन अनिल सिंह को बीजेपी विधायक राजेश सिंह के सहारे चुनाब हरबा दिया गया .अब जब अपने पर आया तो नई जिला पार्षद खुश्बू को लोगों ने विक्लप के रूप मैं चुना .जिसका फिनेसर जिला और प्रदेश के भाजपाई और राजद कर रहे थे .एन लोगों मैं टूनिंग सेट हो गया .नए जिला पार्षद ठाकुर उदय शंकर को वाईस चेयरमैन का ऑफ़र दे क़रार करके विश्बास मैं लिया गया .पर यहाँ भी गेम हो गया .बोली लगी और जिला पार्षद अपने हिसाब से बिकते गए .जिला परिषद् मछली बाज़ार बन गई और दलाल राजनीत वर्कर अपना दलाली लेते गए .क्या हॉउस सेलिंग को शासन ने चुनाब आयोग को जानकारी नहीं दिया ?जब जिला पार्षद रूबी कुमारी ने हाउस को हुड आउट किया तो उन्हे डीएम शाशक शुभंकर ने नीतीश बाला ऑफिसर शाही दिखाया .लोक साही मैं जनता को अपने पाले मैं लाने के लिए जिला पार्षद लाखों ख़च करते हैं .उसका रिकवर चेयरमैन चुनाब मैं ही किया जा सकता हैं .पार्षद की औकाद के अनुसार उनकी बोली लगी और खरीदार उनको खरीदते गया .50 मैं से 36 - 40 जिला पार्षद बिक गए .हद हो गई .जनता मैं ऐसे जिला पार्षदों को बेनकाब किया जाना चाहिए .अब बिकाऊ जिला पार्षद को विकास की योजना कागज़ पर ही करना होगा .2.5 साल बाद फ़िर से यही होगा और चलता रहेगा कारण यह कुत्ता का पूछ बन चूका हैं .जनता के उम्मीद को पानी पानी कर दिया गया .