उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के डूबती जनाधार को सहारा देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जिम्मा उठाया है। इसी क्रम में आज वह लखनऊ पहुंची हुईं हैं। लखनऊ पहुंचते ही यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लु, प्रमोद तिवारी, अराधना मिश्रा मोना समेत कई अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया।
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रियंका गांधी ने अपना निर्णय सुनाया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपना मुख्यालय को लखनऊ शिफ्ट कर रही हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी के बारे बताते हुए कहा कि वह चुनाव तक प्रदेश में ही रहेंगे और प्रत्येक सप्ताह पाँच जिले के लोगों से मुखातिब होंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार प्रियंका गांधी खुद मौका तलाशने के लिए चुनावी मैदान में उतर रही हैं। ऐसा अनुमान है कि वे पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। वाराणसी की सीट को लेकर तो रास्ता साफ है लेकिन, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीट के लिए अभी कुछ निर्णय नहीं लिया गया है। बता दें कि लखनऊ में स्थित शीला कॉल के बंगले से अपनी चुनावी रणनीति तैयार करेंगी, जिसके लिए इस बंगले को वॉर रूम में बदला जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, 14 नवंबर को कॉल निवास को अधिकारिक तौर पर कांग्रेस चुनाव मुख्यालय घोषित कर दिया जाऐगा। इसी के मद्देनजर प्रियंका गांधी का सभी स्टाफ दिल्ली से लखनऊ शिफ्ट हो रहा है। बीते कुछ दिनों पहले लखीमपुर हिंसा के बाद प्रियंका गांधी ने जिस तरह से कांग्रेस का बागडोर संभाली है, उससे पार्टी में एक नई ऊर्जा दिख रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस इस बार महिलाओं को ज्यादा सीट देने पर विचार कर रही है। प्रदेश में महिलाओं का वोट बैंक बटोरने के लिए कांग्रेस इस वर्ष 33% सीटें महिलाओं को देने के पक्ष में है। कई राजनीतिक सूरवीरों का मानना है कि कांग्रेस का किसान वाला पैतरा काम नहीं आने वाला है। इनका कहना है कि प्रदेश में 10 फीसद से भी नीचे वोट शेयर करने वाली कांग्रेस पार्टी का सत्ता में वापस आना बेहद मुश्किल है।