जिला मुख्यालय के दबा दुकानदारों ने माप दण्ड तोड़ा .

कोरोना काल मे आम लोगों से कोबिद की दबाईया के नाम पर सभी दुकानदार जम कर दुकानदारी किया .ना दबा बापस ना कोई छूट और ना ही उधारी .सरकारी सदर हॉस्पिटल मैं जो दबा नहीं मिलती थी .वही दबा डॉक्टर के बिना अनुमति के अपना पन मे दुकानदार बेचते थे .

प्रवीण सिंह
  • Aug 18 2021 1:06PM

आपको बता दे की बिना फोमोलॉजिस्ट किए आज भी समस्तीपुर मुख्यालय मे अनेकों दबा दुकान संचालित हैं .जो बिना माप दण्ड के सरकारी नियम को तोड़ती हैं .

कोबिद के महगे दबा को क्रौस कम्पलीट के नाम पर दिया जाता रहा जिन दबाइयो को इंजुशन को नहीं लेना हैं उसको भी नही मिलने का डर दिखा कर ग्राहक को दिया गया .फ़िर बचे दबा को वापस नहीं लिया जाता था .

ग़रीब मजदूर जो दैनिक मजदूरी करके कोबिद के दबा जाते हैं उन्हे डॉक्टर अपने ही हॉस्पिटल के दबा दुकान से लेने को जांच करने को कहते हैं .जहां मरीज के परिजन को डिस्काउंट नहीं दिया जाता हैं .जबकी सभी दबा दुकानदार दबा पर डिस्कॉन्ट देते हैं .

सरकार के ड्रग विभाग दबा दुकानदार के ब्लैक व्हाइट मनी इनके बैंक सेविंग की जांच कर ले .बिना टैक्स दिए लाखों रुपए एनके परबारिक सदस्य के पास जमा पड़ा हैं .जो दबाई के काले कमाई से बनाई गई हैं .डॉक्टर अपने कमीशन के लिए दबा दुकानदार को गाहक से खुली छूट देते हैं .ऐसे मैं मापदंड टुट चुका हैं .

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