जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के विद्रोह करने बाले नीतीश को जातीय गिनती होना चाहिए

देश मे एक तरफ़ जनसँख्या बिस्फोट हो चुकी है .योजना का लाभ अंतिम पेदान पर रह रहे लोगों को नहीं मिल रहा हैं .पिछड़ा से अति पिछड़ा और दलित से महा दलित बना .जमात को तोड़ा गया .पर लाभ जमात को नहीं मिला .अब जन गणना करा कर जमात के वोट लेने की होड़ हो रहीं हैं .

प्रवीण सिंह
  • Aug 6 2021 11:54AM

किटनीति की माहिर नीतीश ने नया राजनीत चला जिसे बीजेपी को दबाब बनाना देखा जा सकता हैं .पिछड़ा और अति पिछड़ा को लेकर भारत मे अपनी पहचान बना चुके नीतीश अब समाज के वोटर को जना देश के रूप मे देख रहे हैं .

सरकार के सभी योजना का लाभ सभी बर्ग के गरीब को मिले पर सरकारी लाभ खासकर सेंट्रल के स्कीम को एक खास समाज के बीच दिया जाता हैं .पुरे समाज के लोग ऐसे मे बंचित रहते हैं .इसका हल जनसंख्या नियंत्रण कानून से ही हो सकता हैं .

ताकी पेंसन आवास शौचालय बिजली किसान राहत अनाज सेवा और शिक्षा हेल्थ का लाभ उनतक जा सके जहां इसकी जरूयत हो .किमी लेयर बाले को इसकी क्या जरूयत हैं .

नीतीश कुमार जी को ख़ास समाज के वोट पर ही राजनीत करनी हैं .तो विकास सील बिहार की राजनीत कैसे होगी .यही पैच को लेकर बीजेपी से खटपट हो सकती हैं .

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