कानपुर में आये धर्मांतरण के मामलों में जहाँ पुलिस की टीमें लगातार धर्मांतरण का शिकार हुए बच्चो के घर पहुँच रही है तो दूसरी तरफ लगातार नए नए मामले भी सामने आ रहे है।शहर में धर्मान्तरण गैंग का शिकार बना आदित्य यानी अब्दुल खुद इस्लामिक ट्रेनर बन गया था। आदित्य के दिमाग मे पहले हिन्दू धर्म के प्रति ज़हर भरा गया और फिर यही काम वो अपने साथ पढ़ने वाले साथियों के साथ करने लगा। आदित्य ने अपने साथ पढ़ने और खेलने कूदने वाले 2 बच्चों को धर्मान्तरण गैंग के इशारे पर टारगेट पर लिया।जिसमे कानपुर के गोविंनगर में रहने वाला तुषार सिंह नाम का भी 7 वी क्लास का बच्चा था। तुषार लगातार आदित्य के संपर्क में था। आदित्य यानी अब्दुल.... तुषार के घर भी आया जाया करता था। कई घंटे दोनों पार्क में बैठकर बाते और वीडियो कॉल में किसी से बात भी किया करते थे।
दरअसल मामला करीब डेढ़ साल पहले तब खुला जब तुषार की माँ संगीता को ये पता चला कि तुषार 3-4 दिनों से पूजा घर मे भगवान के सामने दिया नहीं जला रहा। तुषार की माँ ने बताया कि वो इस्लाम कबूल करना चाहता है।बेटे की बात सुनकर वो चौंक गईं। इससे पहले तुषार ने ऐसी बात कभी नहीं कि थी। तुषार की माँ ने फौरन इसकी पड़ताल शुरू की और तुषार के दिमाग मे भरे गए हिन्दू धर्म के प्रति ज़हर को साफ करना शुरू किया। तुषार की माँ ने नाराज होकर खाना छोड़ दिया आखिरकार तुषार माँ को मनाते हुए ठीक हो गया है।उसकी माँ का कहना है कि वो आदित्य को एक अच्छा लड़का समझती थी।मगर जब उन्हें उसके इरादे का पता चला तो डर गई।तुषार की माँ ने ये भी बताया कि वो शरीर से पूरी तरह से बीमार है।उन्होंने ये भी बताया कि बेटे को परिवार की मदत और नौकरी के साथ साथ माँ का इलाज कराने का भी झांसा दिया जा रहा था।