आँखों में चश्मा लगा कर और दूसरों की कमियों पर अपना धंधा कर रहे वामपंथी और चरमपंथी गठजोड़ से चल रहे ALT news के मुहम्मद जुबेर एक बार फिर से चर्चा में है.. उन्होंने किया है एक ऐसा फैक्ट चेक जो न जमीन में है और न ही आसमान में. कुल मिला कर सही को गलत साबित करने के लिए किसी भी हद तक गलत हो जाना यहाँ मुख्य एजेंडा है.
अपने नाम में आगे मुहम्मद लगाने वाले जुबेर की फैक्ट चेक प्रणाली के बारे में जानने से पहले एक कहानी समझनी जरूरी होगी... एक बार एक शेर को एक मेमने को किसी भी बहाने से खाना था.. मेमना झरने पर नीचे पानी पी रहा था और शेर ऊपर.. शेर ने कहा कि तू मेरा पानी जूठा कर रहा है.. मेमना बोला - " मैं तो आपके नीचे पानी पी रहा.. मैं आपका जूठा पानी पी रहा न कि आप मेरा"
फिर शेर ने पहला दांव विफल होने पर कहा कि तूने आज के 5 साल पहले मुझे गाली दी थी.. मेमना बोला कि मेरी उम्र ही 3 साल है, फिर मैं आपको 5 साल पहले गाली कैसे दूंगा... शेर हर दांव विफल होते देख आव देखा न ताव और बोला - 'फिर तेरे पिता ने मुझे गाली दी रही होगी.." और इसके बाद वो मेमने को खा गया..
विशेष सम्प्रदाय ही नहीं बल्कि विशेष सोच वाले भी मुहम्मद जुबेर और उनके वामपंथी साथी प्रतीक द्वारा चलाए जा रहे ALT न्यूज़ में किसी को सही और गलत साबित करने का या थो ठेका लिया जाता है या तो दूसरे शब्दों में कहा जाय तो सुपारी भी... इस बार जो फैक्ट चेक हुआ है उसके हालात भी कमोबेश ऐसे ही हैं.
इस से पहले इसी वामपंथी और विशेष सोच वाले फैक्ट चेकर ने CAA / NRC उन्माद के दौरान अलीगढ़ में महान फैक्ट चेक करते हुए कहा था कि दंगाई ने 'हिन्दू की कब्र' नहीं बल्कि "हिंदुत्व' की कब्र खुदने का नारा लगाया था.. कुल मिला कर संभवतः इस वामपंथी सोच वाले ने हिंदुत्व की कब्र खुदना जायज समझा होगा..
इसी के साथ अभी कुछ दिन पहले अपने नाम में आगे मुहम्मद लगाने वाले जुबेर ने दिल्ली पुलिस से एक व्यक्ति द्वारा हाथ मिलाये जाने पर तंज कसा था.. पर इन्ही मुहम्मद जुबेर ने एक बार भी दिल्ली पुलिस पर तलवार चलाने वालों को गलत नही कहा...
अब इन्होने एक नया फैक्ट चेक किया है.. ठीक अलीगढ़ वाले हिन्दू और हिंदुत्व की कब्र के अंदाज़ में. ज्ञात हो कि मियां खलीफा के आते ही उनके भारत में हुए विरोध की भरपाई करने के लिए मियाँ खलीफा के समर्थको और उनकी सोच को आगे बढाने वालो ने मियां खलीफा के विरोधियो को अपने झूठ और कुतर्को के माध्यम से निशाना बनाना शुरू कर दिया है और इसमें एक नाम निकल कर आया है ALT News .
सुदर्शन न्यूज़ द्वारा एक विडियो 4 फरवरी 2021 को ट्विट किया गया जिसमे हेडलाइन दी गई कि "बड़े धैर्य के साथ देख रहा है देश".. इस विडियो में किसी समय आदि का जिक्र नहीं किया गया और ये बताया गया कि देश के धैर्य की सीमा कहाँ तक है और वो कब से उन्माद का ये रूप झेल रहा है.
इस विडियो में शत प्रतिशत सत्यता थी जो वर्ष 2019 में हुई एक घटना को उद्घृत कर रही थी. सुदर्शन न्यूज़ द्वारा ये बताने का प्रयास किया गया कि दिल्ली पुलिस पर हुआ हमला पहली घटना नहीं है और देश को इस प्रकार की सोच वालों के हमले पहले भी झेलने पड़े हैं. इसीलिए हेडलाइन में धैर्य शब्द का प्रयोग किया गया.
लेकिन अचानक ही मियाँ खलीफा के भारत में हुए विरोध से खिन्न वामपंथी फैक्ट चेकर ने इस मामले में इंट्री की और सुदर्शन न्यूज़ के ट्विट पर FAKE की मुहर लगा कर अपना वामपंथी एजेंडा सेट कर लिया.. संभवतः FAKE के बजाय OLD लिखने पर खबर सत्यता के आस पास पाई जाती लेकिन FAKE लिखने पर उसको ये विश्वास जरूर रहा होगा कि उसकी सोच वाले मियाँ खलीफा समर्थक उसका साथ देंगे.
हैरानी की बात ये है कि इस वामपंथी फैक्ट चेकर ने ये स्वयं स्वीकार किया है कि ऐसी घटना सच में वर्ष 2019 में हुई है लेकिन उसके बाद भी बड़ी सी FAKE की मुहर लगाने के पीछे इस फैक्ट चेकर का वही वामपंथी एजेंडा है जो इस किसान आन्दोलन को अज के विकृत रूप में पहुचाने का जिम्मेदार रहा है.
यहाँ पर सवाल सिर्फ वामपंथी और चरमपंथी गठजोड़ के इस फैक्ट चेक करने वाले का नहीं. यहाँ पर एक पूर्व IAS भी अचानक मैदान में आये और इन दोनों पर अपनी पुरानी कार्यशैली के चलते विश्वास किया और फ़ौरन दिल्ली पुलिस और UP पुलिस से कार्यवाही ही मांग ली..
कार्यवाही मांगते समय इन पूर्व ब्यूरेक्रेट और वर्तमान राजनैतिक व्यक्ति ने एक बार भी पूरे मामले को तह तक जा कर नहीं देखा.. यकीनन पूर्व IAS महोदय को जुबेर के शब्दों पर बिना किसी लाग लपेट के विश्वास होगा.. फिलहाल सुदर्शन न्यूज़ अपने ट्विट पर कायम है और उस ट्विट को ये मानता है कि देश ने ऐसे चरमपंथ पर लम्बे समय से धैर्य रखा है..
देखिये हमारा वो ट्विट -