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इंदौर में सनातन पर प्रहार! नगर निगम ने हटाए भगवा ध्वज...हिंदू संगठनों का फूटा ग़ुस्सा, कहा- नहीं मानी तो होगा बड़ा आंदोलन

हनुमान जयंती के पावन अवसर पर भागवत कथा और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान वहां भगवा ध्वज लगाए गए थे

Sumant Kashyap
  • Apr 26 2025 6:15PM

मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जहां विजय नगर क्षेत्र के एक मंदिर से हनुमान जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा हटाए जाने से बवाल मच गया है. हिंदू संगठनों ने इस कृत्य को सीधे-सीधे सनातन संस्कृति और धर्म पर हमला करार दिया है. उनका कहना है भगवा हमारा स्वाभिमान है, हमारी आस्था है, इससे छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते है. हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक भावना का अपमान बताते हुए माफी और झंडे पुनः लगाने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है.

पूरा मामला इंदौर के बीसीएम हाइट्स के पीछे स्थित मंदिर का है. हनुमान जयंती के पावन अवसर पर भागवत कथा और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान वहां भगवा ध्वज लगाए गए थे. लेकिन कुछ दिन बाद ही नगर निगम के कर्मचारियों ने बिना किसी नोटिस या चेतावनी के मंदिर से ये भगवा झंडे हटा दिए. स्थानीय लोग और हिंदू संगठन भड़क उठे हैं. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि किस तरह नगर निगम के कर्मचारी धार्मिक स्थल पर पहुंचे और आस्था के प्रतीक को हटाया.

वहीं, इस मामला को लेकर  हिंदू नेताओं मान सिंह, कृष्णा वाघ और राजावत ने नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि जोनल अधिकारी के आदेश पर और सीएसआई वीरेंद्र चौहान की देखरेख में यह शर्मनाक कार्रवाई की गई."भगवा सिर्फ एक रंग नहीं, यह हिंदू अस्मिता का प्रतीक है. इसे हटाना सीधा-सीधा हमारे धर्म पर हमला है."

इस विवाद के बढ़ते देख जोनल अधिकारी शिवलाल यादव ने मामले को 'गलतफहमी' करार देते हुए सफाई दी है. उनका कहना है कि नगर निगम के निचले स्तर के कर्मचारी और एनजीओ के बीच समन्वय की कमी के कारण यह विवाद हुआ. लेकिन हिंदू संगठनों ने प्रशासन की इस सफाई को सिरे से खारिज कर दिया है. उनकी मांग है अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी और भगवा ध्वज उसी स्थान पर पुनः स्थापित करने होंगे. वरना बड़ा जनांदोलन छेड़ा जाएगा.

अब सवाल उठता है —
क्या सनातन के प्रतीकों के साथ इस तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त किया जाएगा? क्या प्रशासन हिंदू भावनाओं का सम्मान करेगा या फिर टकराव की राह चुनेगा?

 

 

 

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