बिहार के मुजफ्फरपुर में कोर्ट परिसर में बवाल मच गया। एक मुस्लिम युवक एक हिंदू लड़की को बुर्के में लपेटकर कोर्ट मैरिज के लिए पहुंचा था। लेकिन जैसे ही उसकी चालाकी पर से पर्दा उठा, वहां मौजूद वकीलों और राष्ट्रवादी संगठनों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में बुधवार शाम (16 अप्रैल 2025) को एक युवक बुर्के की आड़ में लड़की को लेकर चुपचाप एक नोटरी के पास पहुंचा। हिन्दू लड़की ने बुर्का पहन रखा था ताकि कोई शक न हो, लेकिन जब पहचान पत्र मांगे गए तो आधार कार्ड से नामों का खुलासा हुआ- तो वकील चौंक गए। हिंदू नाम की लड़की और मुस्लिम नाम का लड़का- इसी से साजिश की बू आने लगी।
संदेह होते ही वकीलों ने तुरंत हिंदू संगठनों को सूचित किया। फिर क्या था... देखते ही देखते सैकड़ों लोग कोर्ट में इकट्ठा हो गए। युवक को घेर लिया गया और घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। कोर्ट परिसर में जमकर नारेबाज़ी हुई और पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा।
आरोपी मुस्लिम युवक का नाम शहजाद शफ़ी है, उसने पहले हिंदू युवती सरस्वती का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसका नाम बदलकर मुस्कान खान रख दिया और फिर उसी नए नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करवा दिए। कोर्ट मैरिज के लिए जब वह उसे लेकर मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट पहुंचा, तो लड़की को बुर्के में छिपाकर लाया गया और उसका नाम मुस्कान खान बताया गया।
युवती ने अपने बदले हुए नाम के तहत मुस्लिम युवक से शादी के लिए आवेदन भी दिया था। जैसे ही इस पूरे घटनाक्रम की भनक हिंदू संगठनों को लगी, तो उन्होंने तुरंत अदालत परिसर पहुंचकर इसका जोरदार विरोध शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि दोनों प्रेमी सीतामढ़ी जिले के निवासी हैं और फर्जी कागजात के आधार पर मुजफ्फरपुर कोर्ट में विवाह का शपथ पत्र बनवाने पहुंचे थे। इस दौरान जैसे ही लड़की अपने मुस्लिम प्रेमी शहजाद शफी के साथ विवाह संबंधी दस्तावेज तैयार करवा रही थी, वैसे ही अंतरराष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी और विश्व सनातन सेना के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर दोनों की पहचान की और पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया।
नगर थाना की टीम ने दोनों को थाने लाकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि, लड़की के परिवार को सीतामढ़ी से बुलाया जा रहा है और हर एंगल से जांच की जा रही है कि, यह सिर्फ शादी का मामला था या इसके पीछे कोई सुनियोजित धर्मांतरण की योजना थी।
सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध कुमार झा ने साफ कहा कि, यह मामला सिर्फ कोर्ट मैरिज का नहीं है- यह सीधे तौर पर एक समुदाय द्वारा धर्मांतरण की कोशिश है। “लड़की को बुर्के में लपेटकर लाना बताता है कि मंशा क्या थी”, उन्होंने कहा।
अधिवक्ता कमलेश कुमार ने इस मामले में कहा कि कोर्ट परिसर में विवाह के जो विधिक नियम निर्धारित हैं, उनका स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया जा रहा था। प्रथम दृष्टया यह मामला लव जिहाद का प्रतीत होता है, क्योंकि एक हिंदू लड़की को जानबूझकर बुर्का पहनाकर कोर्ट लाया गया, जिससे उसकी पहचान छिपाई जा सके। यह न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि विधिक रूप से भी विवाह की प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है। युवक-युवती गलत दस्तावेजों और नोटरी के आधार पर विवाह की कोशिश कर रहे थे, जबकि कोर्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए यह स्पष्ट रूप से साजिशन किया गया 'लव जिहाद' का कृत्य है और इस पर सख्त कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।