Chandigarh: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के भाषण से ‘अभिव्यक्ति 2024’ की हुई शुरुआत

‘युद्ध के मैदानों से लेकर बेस्टसेलर तक’ पैनल चर्चा में अभिव्यक्ति के दूसरे दिन अनूठे लहजे और स्वरूप की झलक देखने को मिली।

Ravi Rohan
  • Nov 10 2024 3:57PM
पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने चंडीमंदिर में आयोजित आवा साहित्य महोत्सव 'अभिव्यक्ति 4.0' के दूसरे दिन का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल ने साहित्य की शक्ति पर विचार रखे, जो विभिन्न सांस्कृतिक आवाज़ों को एक मंच पर लाने का सामर्थ्य रखती है।

लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमामयी बनाया। इस मौके पर राज्यपाल ने विभिन्न संगठनों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

'युद्ध के मैदानों से बेस्टसेलर तक' पैनल चर्चा में सशस्त्र बलों के अनुभवों का साझा

‘अभिव्यक्ति 4.0’ के मुख्य मंच पर 'युद्ध के मैदानों से लेकर बेस्टसेलर तक' विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। इस सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल भोपिंदर सिंह, शब्बीर बॉक्सवाला, शिव अरूर, श्री राहुल सिंह और कैप्टन सजीता नायर ने अपने सैन्य अनुभवों को साहित्य में बदलने की यात्रा साझा की। चर्चा का संचालन आईएएस विवेक अत्रे (सेवानिवृत्त) ने किया।

'वर्दी पर गर्व': सेना के बच्चों की उपलब्धियों पर चर्चा

'वर्दी पर गर्व' सत्र में उन व्यक्तियों की उपलब्धियों पर चर्चा की गई, जो सैन्य परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। अभिनेत्री पूजा बत्रा, मेजर मोहम्मद अली शाह, लेखिका आशना लिडर और करुण्या एस बिष्ट ने इस पैनल में भाग लिया। गनीव चड्ढा पंजरथ द्वारा संचालित इस सत्र में चर्चा हुई कि सेना के माहौल में सीखे गए मूल्यों ने उनकी सफलता में कैसे योगदान दिया।

'प्रकाशन पथ': सैन्य पृष्ठभूमि वाली महिला लेखकों पर विशेष सत्र

'प्रकाशन पथ' सत्र में सैन्य पृष्ठभूमि से आने वाली महिला लेखकों ने अपनी चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। हरदीप सिंह चांदपुरी के संचालन में इस पैनल में प्रकाशन उद्योग की जटिलताओं का विश्लेषण हुआ।

बाल साहित्य और आधुनिक कविताओं पर विशेष चर्चा

संबंध लॉन में 'कहानियों के साथ बड़े होना: बाल साहित्य की शक्ति' पर एक रोचक पैनल चर्चा हुई, जिसमें बाल साहित्य के महत्व को रेखांकित किया गया। वहीं 'आधुनिक भारत की कविताएँ' सत्र में कवियों ने भारत के आधुनिक स्वरूप को दर्शाते हुए अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।

नई किताबों का विमोचन: सिख इतिहास से लेकर कविता संग्रह तक

ऑथर्स लाउंज में साहित्य प्रेमियों ने नए लेखकों से मुलाकात की और उनके हस्ताक्षर किए हुए किताबों का आनंद लिया। दूसरे दिन में कर्नल डीएस चीमा की ‘सिखों का सैन्य इतिहास’ का विमोचन राज्यपाल द्वारा किया गया, साथ ही तमन्ना कौर चीमा का काव्य संग्रह ‘सेमी:कोलन’ और डॉ. संजना नैयर की पुस्तक ‘रुधिरा’ का भी विमोचन हुआ।
 

 

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