तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के विरोध में समस्त हिंदू समाज और विश्व हिंदू परिषद ने राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन का आयोजन किया है। इसी क्रम में आज विश्व हिंदू परिषद और अन्य सामाजिक संगठनों ने हरिगढ़ महानगर में विरोध यात्रा निकाली, जो श्रीवार्ष्णेय महाविद्यालय के क्रीड़ास्थल से प्रारंभ हुई।
इस यात्रा में संत समाज के साथ विभिन्न जातिगत संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। विहिप के विभाग मंत्री मुकेश राजपूत ने इस दुष्कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त नहीं किया जाता, तब तक सनातनी हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ जारी रहेगा।
महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि धर्म पर आंच सहन नहीं की जाएगी और उचित कार्रवाई न होने पर अनशन करने की भी घोषणा की। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष आरके जिंदल ने अमर बलिदानी भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
विरोध यात्रा के दौरान महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया कि वितरित होने वाले महाप्रसाद की पवित्रता से हिंदुओं की गहरी आस्था जुड़ी है। ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि महाप्रसाद में मिलावट की खबरें बेहद दुखद हैं।
हिंदू समाज के नेताओं ने इस मामले में सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के दुरुपयोग के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने मांग की कि सभी हिंदू मंदिरों को स्वतंत्रता प्रदान की जाए, ताकि वे अपनी पवित्रता और आस्था को बनाए रख सकें।
विरोध यात्रा "हिंदू मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त करो" और "जागो हिंदुओं, अब धर्म बचाओ" जैसे नारों के साथ मदार गेट से होते हुए रामलीला मैदान पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेता और संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।